लोई का ताना | Loi Ka Tana

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Loi Ka Tana by रांगेय राघव - Rangeya Raghav

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मम ुकम जल किल्लत आधिअीनली अर्थ अधीन सफल िललनकटीरीभलीाण ही कासी गया आझौ द्वारका तीरथ सकल सरमत फिरे गाँठी न खोली कपट की तीरथ गया तो क्या हुआ ॥ पोथी किताबें... बाँचता औरों को नित समभावता त्रिकुटी महल खोजे नहीं बक बक मरा तो क्या हुआ ॥ काजी किताबें. खोजता करता नसीहत और को महरम नहीं उस हाल से काजी हुआ तो कया हुआ ॥ सतरंज चौपड़ गंजिफा इक नदे+ है बदरंग की बाजी न लाई प्रेम की खेला जुदा तो क्या हुआ ॥| जोगी दिगंबर से थबड़ा कपड़ा रंगे रंग लाल से वाकिफ़ नहीं उस रंग से कपड़ा रंगे से क्या हुआ ॥ मंदिर भरोखे. रावटी गुल चमन में रहते सदा कहते कबीरा हैं. सही घट घट में साहब रस रहा ॥ सुनता नहीं घुन की खबर दनहदद बाजा बाजता ॥। __ संगीत दूर होता चला गया। _ # परिचित + निराकार । का कि 2 की




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