राइफल | Raifal

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Raifal by मुहम्मद सादिक सफवी - Muhammad Sadik Safaviरामचन्द्र वर्मा - Ramchandra Verma

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रामचन्द्र वर्मा - Ramchandra Verma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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नल रु न अब मान लीजिए कि वह मीनार आपकी आँख से तीन सौ गज दूरी पर है इसलिए रेखीय माप के हिसाब से उसकी ऊँचाई इस प्रकार होगी-- दे ६० ६ दे ५४० इंच (४५ फुट) कोण के एक अंदा में साठ कलाएँ होती है । अतः इसके तीन अंधों में ६० ६ ३० १८० कलाएं होंगी । सौ गज की दूरी पर एक कला के कोण की रेखाओं के बीच १ इंच का अन्तर होता है और तीन सौ गज की दूरी पर तीन इंच का । इसलिए तीस सौ गज की दूरी पर १८० कला के कोण की रेखाओं के बीच ३ 2६ १८०-५४० इंच की दूरी होगी अर्थात्‌ उस मीनार की ऊँचाई ५४० इंच या ४५ फूट होगी । यहाँ यह बात भी ध्यान में रहनी चाहिए कि कोणीय माप में जिस अनुपात से कोण का मान या उसकी रेखाओं की लम्बाई बढ़ती है उसी अनुपात से उन रेखाओं की पारस्परिक दूरी भी बढ़ती है। उदाहरण के लिए यदि सौ गज पर एक कला के कोण की रेखाओं की पारस्परिक दूरी एक इंच हो तो दो कलाओं के कोण की रेखाओं की पार- स्परिक दूरी दो इंच होगी। इस प्रकार यदि कोण की रेखाओं की लम्बाई सौ गज और उनका पारस्परिक अन्तर एक इंच हो तो रेखाओं की लम्बाई दो सौ गज हो जाने पर उनकी पारस्परिक दूरी भी दुनी अर्थात्‌ दो इंच हो जायगी । यदि किसी दूरी पर किसी चीज की ऊँचाई रेखीय माप के हिसाब से मालूम हो तो उसकी गणितीय क्रिया को उलट देने पर कोणीय माप में उसकी ऊँचाई जानी जा सकती है। जैसे उक्त उदाहरण में हम जानते हैं कि वह मीनार देखनेवाले की आँख से तीन सौ गज दूर है और उसकी ऊँचाई ४५ फूट या ४५० इंच है और अब हमें कोणीय माप के हिसाब से उसकी ऊँचाई निकालनी है उस दशा में हमें इस प्रकार की गणितीय क्रिया करनी होगी । हम जानते हैं कि सौ गज पर एक इंच से एक कला का कोण बनता है। अतः तीन सौ गज पर एक इंच से डे कला का कोण बनेगा और तीन सौ गज पर ५४० इंच से भू. न १८० कला या तीन अंश का कोण बनेगा अर्थात्‌ कोणीय माप के विचार से इस मीनार की ऊँचाई १८० कला या तीन अंश होगी । चाँदमारी और लक्ष्य साधन में लक्ष्य के व्यास या गोली के उतार चढ़ाव का मान कोणीय माप के हिसाब से बताया जाता है और इंच की जगह कोण की कला से काम




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