कवि - प्रिया | Kavi - Priya

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Kavi - Priya by केशवदास - Keshavdas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कविपिया । हर दिल्लीपति.. श्रन्लावदी) कीन्हीं कृपा अपार । तीरथ गया समेत जिन अकर कियों के बार ॥ ७ ॥ गया गदाधर सुत भये। तिनके. आनेदकन्द । जयानन्द तिनके भये) विचायत जगबन्द ॥ ८ ॥ भये निविक्रम मिश्र तब तिनके. पछिडतराय । गोपाचल गढ़ दुगपति तिनके पूजे पायेँ ॥ ९ ॥। भावशम तिनके. भये) तिनके बुद्धि अपार । भये सुरोत्तम मिश्र तब पटद्रशन अवतार ॥ १० ॥| मानसिंह सों रोष करि) जिन जीती दिशि चारि । ग्राम बीस तिनको दये राना पायें पखारि ॥ ११ ॥ तिनके पुत्र प्रसिद्ध जग कीन्हें.. हरिहरनाथ । तूंबरपति तजि और सों भालि न ओड़ेड हाथ ॥ १२ । पुत्र भये हरिनाथ के) कृष्णदत्त शुभ वेष | सभा शाह संग्राम की जीती गढ़ी अशेष ॥ १३ | तिनको हत्ति पुराण की) दीन्हीं राजा रूद्र । कि तिनकें काशीनाथ सुत सो भें. बुद्धिसमुद्र ॥ १४ ॥। जिनको मधुकरशाह छप बहुत कियो सनमान | तिनके सुत बलभद्र बुध) मकटे बुद्धिनिधान ॥ १४ ॥ बालहि ते मधघुशाह इप तिनसों सुन्यों पुरान । तिनके सोदर द्वे भये/ केशवदास कल्यान ॥ १६ ॥।




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