हिंदी रसगंगाधर | Hindi Rasgangadhar
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
34.95 MB
कुल पष्ठ :
612
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्रीपुरुषोत्तम शर्मा चतुर्वेदी - Shree Purushottam Sharma Chaturvedi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्रीः पं पुरुषोत्तमदचर्मा चतुर्वेदी साहित्याचायक्त रसगड्ाधर के भाषानुवाद का मैंने अवलोकन किया । कई एक स्थलों के अवधानपूर्वक देखने से यह स्पष्ट विदित होता है कि भनुवादक महोदय ने इस कठिन जोर दुरूदद ग्रंथ का मार्मिक अयथं खूब स्पष्ट कर समझाने का पूर्ण प्रयल्न किया है और इस प्रयत्न में बहुत मंधों में वे सफल हुए हैं। यों तो रसगड्ञाघर के कइ एक प्रकरण इतने जटिल हैं कि संस्कृतविद्वानों में भी उनका भाधय स्वयं दृदयज्ञत कर दूसरों को समझा देनेवाले विद्वान जाजकल इनेगिने ही निकलेंगे संस्झत का साधारण ज्ञान रखनेवालों की तो वहाँ पहुंच ही कब दो सकती है किन्तु इतना निः्सन्देह कद्दा जा सकता है कि इस अनुवाद की सहायता से साधारण संस्कृतपरिचित वा असंस्कृतज्ञ हिन्दी विद्वान भी उक्त ग्रन्थ का प्रतिपाद्य विषय समझ सकेंगे । हिन्दी अनुवादों का इस युग में बहुत जोर है सरछ वा कठिन सबही प्रकार के ग्रन्थों के हिंदी अनुवाद के लिये बहुतों ने लेखनी उठाई है यहाँ तक कि अनुवादक महाद्यय चाहे स्वयं ग्रन्थ का आशय न समझे हों किन्तु अनुवाद कर देने में बिलकुल नहीं हिचकते यही कारण है कि शास्त्रीय ग्रन्थों के भाषानुवाद पर विद्वानों की अनास्था सी है किन्तु प्रकृत भनुवाद उस कोटि का भनुवाद नहीं है। यह इस बात की स्पष्ट साक्षी देता है कि अनुवादक महाशय अनुवाद्य भ्रस्थ के मार्मिक विद्वान हैं भौर अनुवाददेछी भी उनकी प्रद्यस्त है एवं हिन्दी भाषा पर भी उनका पूर्ण अधिकार है । मुझे भाथा है कि इस अनुवाद से साहित्यरसिक संस्कृत के विद्वान विद्यार्थी और रसगज्ञाघर के रसपिपासु हिन्दीविद्वान् सब ही यथोचित लाभ उठावेंगे । चन्द्रदचशर्मा मेथित कार्तिक कू० २ सँ० ८४ व्या० सा० न्या० झा१ संस्कृत कालेज जयपुर
User Reviews
No Reviews | Add Yours...