वामन - पुराण का आलोचनात्मक अध्ययन | Vaman Puran Ka Alochanatmak Adhyayan

Vaman Puran Ka Alochanatmak Adhyayan by शशि जायसवाल - Shashi Jaiswal

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about शशि जायसवाल - Shashi Jaiswal

Add Infomation AboutShashi Jaiswal

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
तुंडितायें - वेदों की चार तहितायें हैं - 1 केश तंहिता 2- यचुध तथिता 5. ताम संहिता १ अपन तौहिंता इन तंडिताओं का संकलन महर्षि वेदस्थात में यह की जावायकता हेतु किया यह के लिए यार शतिवियों की आवायकता होती हैं 1० हँता 2 अप्वर्पु त्. उत्गाता और ५ कहा । चला - शब्द का अ्चे हैं - पुकाइने वातला अप होता - यह के अवतार पर चिभिषठ देवता के प्रता समर माँ का जच्चारण कर उस देवता का आवशान फाता है । उसमें लिश जावायक मंतर का तकिलन अर संहिता मैं फिया गया हैं | उुधवयू - का काम यहाँ का चिधिधिद तम्पादन हैं + उसके लिए आतायक माँ का तमुदाय यह संहिता कहलाता है | सवाल शब्द का अर्थ उंें स्वर में गाने वाना है उतका काम ऋधाजों कें उच्र स्तर लगाकर उन्हें उचित स्वर में गाना होता हैं । इत कार्य के लिए साम सॉहिता का संकलन किया मया | बता नामक शितिण का काम यह के अनुष्ठान को पू्णीथ ते निरीक्षम करना हॉता हैं जितते उस अनुब्ठान में फिली प्रकार को हु न ही । भष्ता की




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now