प्रपन्चसार भाग - २ | Prapanchasara (vol-ii)

Book Image : प्रपन्चसार भाग - २  - Prapanchasara (vol-ii)

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about श्री शंकराचार्य - Shri Shankaracharya

Add Infomation AboutShri Shankaracharya

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
) गएए १258 की (फिर विश पटल ॥ निलननलनगपलनपदलयनयक पक ननकपनागजलकमवन्न अथ प्रबक्ष्यामि च सास भेद- भिन्नानि यन्नाण्यपि संप्रदेण । रेखाक्रमचुन्ति विचि्वणे- छसन्ति विष्णोश्च विघधानभाष्ति ॥ १ ॥| ये कुर्युरिप्टापिनिविष्रचेटा घरण्यनन्तादिकसंज्ञकानि । न्रतान्य भी छाथ दूक लपवृक्े - रनारतेनेव च साधकेशा ॥ २ | पा. 1




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now