धन्वन्तरी बनोंषधी विशेषांक भाग २ | Dhanvantri Banoshdhi Vishasank Part-ii
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
41.95 MB
कुल पष्ठ :
578
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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चिकित्सा सस्वन्धी .उत्तमोत्तम पुस्तकें .
डा० सुरेश प्रसाद शर्मी द्वारा लिखित--उत्तर प्रदेशीय सरकार द्वारा पुरस्कृत
एलोपैथिक पुस्तकें --
. इंजिक्शन ( ्प्टम संस्करण )--श्राज के इस वैज्ञानिक युग में सूचीवेघ विज्ञान चिकित्सा-त्ेत्र में श्रपना
प्रथम स्थान रखता है । इस पुस्तक के चार खणडों में -सूचीवेध की आवश्यकता, सूचोवेघ सम्बन्धी वेज्ञानिक तत्वों का _
संग्रह इत्यादि से लेकर पूवीकर्ण ( 3/८12807 ) तथा समस्त सुई की श्रीषधियों का वर्शान है। ग्रन्थिसाव
( प्रणण्णा5 प्फालाथु# ) तथा प्रस्तुत सभी चमस्कारिक एलोपैयिक श्रोषधियों श्रादि, सथयः लाभकारी इंजेक्शनों के बारे
में विस्तारपूवक लिख दिया गया है। सुन्दर छपाई, कागज एव ५० चित्रों से परिपूण । इसमें नवीन श्राविष्सत
सभी एलोपेथिक इंजेक्शनों का वर्णन है । मूल्य १०) सजिल्द ।
एलोपैथिक चिकित्सा ( पंचम संस्करण )--हिन्दी-जगत् में चिकित्सा सम्बन्धी प्रथम श्रनूठी पुस्तक है ।
प्रस्तुत पुस्तक विभिन्न ६ श्रष्यायों में लिखी गई है । शरीर विज्ञान” को सक्षिप्त रूप में, प्रारम्मिक शान की दृष्टि
से बड़े दी स्पष्ट शब्दों में दिया गया है। नवीनतम चमत्कारिक श्रीषघियों से युक्त प्रस्तुत पुस्तक हर प्रकार के तिषयों
से परिपूर्ण एवं सागोपाग है । उ० प्र० सरकार से पुरस्कृत हो चुकी है। मूल्य सजिल्द १९) केवल | '
एलोपैथिक' पाकेट गाइड ( पंचम संस्करण )--इस पुस्तक में श्राधुनिक वैज्ञानिक एवं प्रचलित
चमत्कारिक श्रौषधियों के नुस्खे, . प्रमुख रोगों के संक्षिस परिचय एवं निदान के झतुसार वणुन दिया गया. है ।
_ परीक्षित नुस्खे के साथ-साथ इंजेक्शन श्रौर पेटेटट श्रीषधियाँ भी दी गयी हैं । मूल्य ३) मात्र
मिक्ख्वर (्प्टम संस्करण)--चिकित्सा-जगत् में जिप्त किसी एलोपैथिक डाक्टर ने ख्याति प्राप्त क्री है,
तो बह आपने रामबाण की तरद श्रचूक चलने वाले मिकश्चर के नुस्खें के बल पर ही। ऐसे ही एलोपैथी श्रचूक
नुस्खों को बडी मिदनत श्रौर बड़े खर्च से एकत्रित कर इस पुस्तक में प्रकाशित किया गया है । १८५. रोगों पर चलने
वाले 9.० श्रचूक नुस्खे इसमें हूं श्र थोड़े से थोड़े पेसों में दर एक व्यक्ति इससे लाभ उठा सकता है । मू० २॥) मात्र ,
वि डा० शिवद्याल गुप्त ए० एम० एस० द्वारा लिखित पुस्तके--
. . .. एलोपैथिक मेंटेरिया मेडिका--एलोपैथी श्राज की सर्वाधिक वैज्ञानिक चिकत्सा-पद्धति है । इसकी
क्र
थम
. छानकारी बिना इसके मेटेरिया मेडिका ( द्रव्यशुण विज्ञान ) के श्रष्ययन किये नहीं हो सकती । श्रतः हिन्दी-माषा
में प्रस्तुत ग्रन्थ को लेखक ने लिखकर चिकित्सा -जगत् की द्पूर्व सेवा की है । पुस्तक ५ खरडों में लिखी - गयी है ।
पॉच खडों में समूचा एलोपेथी विशान भरा है | पृष्ठ सख्पा लगभग १४०० | वेन्द्रीय सरकार द्वारा पुरस्कृत--चिकने
.. कांगन पर छुपी हुई कपड़े की बाइंडिंग । मुल्य १२) मात्र |
_“सचित्र नेत्ररोग विज्ञान (एलोपैथिक)--( उ० प्र० सरकार से पुरस्कृत ) २३ श्रष्यायों में नेत्नस्वना,
उसकी कार्यक्षमता श्रादि पर सुन्दर प्रकाश डाला गया है, जैसे निकट दृष्टिशञान, दूर दृष्टिशान, वण दृष्टिलान श्रादि ।
इनकी परीक्षा किंस प्रकार की जाती है; चित्र सहित सरल दज्ञ से बतलाया गया है। विभिन्न सस््थानों के रोगों का
, नेत्र पर किस प्रकार प्रभाव पढ़ता दै, उनके कारण कौन-सी वीमारी हो सकती है आदि का वर्णन है। चश्मा के लिंए; '
चर न जि डे
गा थक ये न डे
नेत्र परीक्षा का वर्णन भी दिया गया है । _. मूल्य ८) मात्र
' ' एलोपैथिक सफल औषधियों ( चतुर्थ संस्करण ) - श्राज_ का युग वैज्ञानिक युग है । एलोपैथिक
चिकित्सा की जान .कद्दी जानेवाली . सभी ' नयी सफल श्रौषधियाँ _ ( 00८ए०0:689४ )--जैसे--पेनिसिलीन,
स्ेप्येमाइसिन, टैरामाइसिंन, श्रौरियोमाइसिन, क्लोरोमाइसिंटिन, वेसीट्रेनिं, गालीसिन, टायरोधायसिन, मेरनेसाइ-
ः _ सिन, पी० ए.० एस० श्रादि का विस्तृत वर्यन दिया गया है । मूल्य ३॥) मात्र ।
'. -. , घल्नी-विज्ञान ( 1वफालिए )-डाक्टर सुस्त ने.घात्री विषय को श्रघिकृत 'रूप में सामने रखकर रइस्थ
च्
' :. समान के , लिस श्रमाव को पूर्ति की है, भारतीय समान इसका ऋणी रहेगा .। स्वयं पढ़िए श्र श्रपनी बहू-वेटियों को
, , पढ़ाकर भावी पीढ़ी को सम्पूर्ण स्वस्थ्य रखिएए |... ', कर '« '* 7... *मुल्य २॥) मात्र '
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हि का के ऊ हल. सा कक गे
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