बाल भारती भाग 3 | Bal Bharati Bhag 3

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Bal Bharati Bhag 3  by संयुक्ता लुदरा - Sanyukta Ludraसविता - Savita

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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12 मोहन नाक पर रुमाल रखे श्याम के घर पहुँचा । वहाँ श्याम के और भी कई मित्र आए हुए थे। श्याम ने मोहन को अपनी माँ और पिताजी से मिलाया। श्याम की दादीजी बीमार थीं। मोहन उनसे भी मिला । मेज पर खाने की चीजें रखी थीं जिन पर बार-बार मविखयाँ आ जाती थीं। मोहन ने श्याम से कहा श्याम तुम्हांर मोहल्ले में इतनी गंदगी क्यों है ? क्या नगरपालिका इसे साफ़ नहीं कराती 2 श्याम की माताजी ने कहा बेटा नगरपालिका की गाड़ी पहले प्रतिदिन आया करती थी। जगह-जगह कूड़ेदान भी हैं पर लोग उनमें कूड़ा नहीं डालते । वे कूड़ा सड़क पर ही फेंक देते हैं। कोई सफ़ाई नहीं रखता । हर आदमी एक दूसरे को दोष देता है। अब नगरपालिका की गाड़ी भी कभी-कभी ही आती है। दूसरे दिन पाठशाला में मोहन ने अपने अध्यापक को यह बात बताई | अध्यापक ने कहा तुम ठीक कहते हो मोहन । गंदगी बहुत से रोगों की जड़ है। नगरपालिका का काम नगर को स्वच्छ रखना है। पर जब तक हम लोग नगरपालिका वालों की सहायता न करें उनके लिए सफ़ाई रखना मुश्किल है। चलो एक दिन हम सब श्याम के मोहल्ले में चलें और स्वयं सफ़ाई का काम प्रारंभ करें। रविवार के दिन सभी श्याम के मोहल्ले में गए। सबके हाथ में एकं-एक टोकरी और झाड़ू थी। सड़क पर झाड़ू लगाकर उन्होंने कूड़ा इकट्ठा किया। नालियों की सफ़ाई कर पानी बहने का रास्ता बनाया । उनमें




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