बीसवी सदी का जिन्न | Bisvi Sadi Ka Jinn

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : बीसवी सदी का जिन्न  - Bisvi Sadi Ka Jinn

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

कमलेश्वर - Kamaleshvar

No Information available about कमलेश्वर - Kamaleshvar

Add Infomation AboutKamaleshvar

लाज़र लागिन - Lazar Lagin

No Information available about लाज़र लागिन - Lazar Lagin

Add Infomation AboutLazar Lagin

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
15 बना दूंगा । समझे मैं यह मद कर सकता हूँ जितनी जल्दी उसे जोश आया था उतनी हो जल्दी वह ठण्डा भी पड गया वैसे यद सब करने की जरूरत नहीं पड़ेगी एं वोत्का इब्न अत्योशा सब तुम्हारे जवावो से चकित रह जायेंगे । सइसके लिए घन्यवाद 1 वोल्का ने गहरी साँस लेकर परेशानी से कहा तुम मुन्ने पीछे से छिपफर बताओ यह मैं नहीं चाहता । हम विद्यार्थी लोग इम चात के खिमाफ हैं । इन अनुचित तरीकों के खिलाफ हम लोग संगठित तरीके में लड़ रहे हैं । मंब सोचिए भला बढ़ जिस्त जिसने हजारों वरम कंद में काटे हों यह विद्वत्तापूर्ण वात कंसे ममझ सकता है। लेविन उसके नौजवान मुविनदाता ने गहरी साँस लेकर जो शब्द कहे थे उनसे जिन्न होताम ने समझा कि वोल्का को उमकी मदद की अब और भी ज्यादा जरूरत है । तुम्हारे इन्कार करने से मुझे दु ख होता है जिनन होनाम ने कहा कोई भी नहीं जान पायेगा कि मैं छिपकर तुम्हें वता रहा हूं 1 ओह तुम नहीं _ जानते वोल्का ने चिढ़ने हुए कहा हमारी अध्यापिका वारदारा के कान बहुत तेज हैं हे अब तुम मिर्फ मेरी वात ही नहीं कर रद हो बल्कि मुझे गुस्सा दिला रहे हो ऐ वोल्का इब्त बल्योगा जव होताम ने यह कह दिया है कि कोई नहीं सुन पायेगा तो यह तय है कि कोई भी नहीं सुन पायेगा 1 सकौई भी नहीं वोल्का ने दान पक्की करने के लिए फिर पूछा । हाँ कोई भी नहीं जो वात मैं तुम्हें बताना चाहूँगा वह मेरे ओटों से सीधी तुम्हारे कान में पहुंचेगी ममझे मरी समझ में नहीं बा रहा है कि क्या करूँ 1 वोल्का में फिर गहरी सास ली इन्वार करके तुम्हें भी मैं नाराज नहीं करना चाहता खेर ठीक है ठुम चलो । भूगोल कोई गणित या व्याकरण तो हैं नहीं गणित गौर व्याकरण में इस अनुचित तरीके का इस्तेमाल मैं कतई नहीं कस्टेंगा लेकिन भूगोल इतना महत्वपूर्ण विपय है भी नहीं अच्छा ठीक है अब जहदी करो 1 कहते हुए उसने दूढे के अजीदोगरीव कपड़ों पर निगाह डाली हू होताम अपनी पोशाक बदल सकते हो तुम्हें यद कपड़े अच्छे नहीं सगते ? जिनन होताम ने कुछ उदासी से पूछा । हर अरे अच्छे तो बहुत सगे हैं सचमुच अच्छे लगते हैं वोल्का ने चालाकी में कहा लेकिन तुम्हारे इस पहनावे मेरे कहने का मतलब है कि असल में हम लोग दूमरी तरह के कपडे पहनने हैं न डस पोशाक




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now