प्राचीन भारत का धार्मिक सामाजिक एवं आर्थिक जीवन | Prachin Bharat Ka Dhrmik Samajik And Aathik Jivan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
17.89 MB
कुल पष्ठ :
392
श्रेणी :
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No Information available about सत्यकेतु विद्यालंकार - SatyaKetu Vidyalankar
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)्श ३. वैदिक काल ३९१ झाधिक जीवन का मुख्य धाधार--कृषि भौर पशुषालन विविध दिल््प घातुझ्ोों का शान शालाझों का निर्माण भासूषण व्यापार वस्तुविनिमय (बार्टर) का प्रयोग सिक्कों की सत्ता पणि संज्ञक व्यापारी । ४. उसर-वैदिक युग ३ेरदे हलों भौर शकटों (गाड़ियों)का उपयोग खेती के विविध उपकरण सिंचाई के साधन पशुपालन विविध दिल्प विभिन्न प्रकार के सिक्के शिल्पियों की श्रेणियाँ । लेरहुवां ष्याय--बोद्ध काल में भारत की श्राथिक बधा ... वैरे६ १. कृषि तथा विविध शिल्प शध्ौर व्यवसाय ३२६ बौद्ध साहित्य में उल्लिखित विविध प्रन्न फल तथा खेती की पैदावार व्यवसायी एवं दिल्पी । २. व्यवसायियों के संगठन ३२८. व्यवसायियों व दिल्पियों की श्रेणियाँ (गिल्ड) श्रेणियों का स्वरूप एवं संगठन । ३. बौद्ध काल के नगर ध्ौर ग्राम बौद्ध भ्रौर जैन साहित्य में उल्लिखित नगर श्ौर ग्राम ग्रामों के दो रूप--सामान्य श्रौर व्यावसायिक नगरों धौर ग्रामो की रचना । ४. व्यापार भौर नौकानयन दे३े५ जहाजों द्वारा विदेशी व्यापार स्थल मार्गों से साथों (काफिलों) द्वारा व्यापार बोद्ध काल के विविध स्थल-मार्ग मुद्रापड्ति तथा वस्तुभ्रों के मुल्य । चोदहवाँ झध्याय--मौर्थ काल का शराथिक लीवन . रेड १. कृषि ३४३ मंगस्थनीज् द्वारा वणित कृषि का स्वरूप कोटलीय भथेंशास्त्र के ध्राघार पर कृषि की विविध फसलें खेती की पैदावार सिचाई की व्यवस्था कृषि के उपकरण । २. व्यवसाय ध्ौर उद्योग ३४७ वस्त्र उद्योग घातु उद्योग भादि । नमक उद्योग रत्न मुक्ता झादि का उद्योग दाराब का उद्योग चमड़े का उद्योग बरतनों का उद्योग काष्ठ का उद्योग हथियार बनाने का उद्योग सुवर्णकार का व्यवसाय धातु उद्योग के दिलपी नतंक गायक भादि भ्न्य व्यवसाय ।
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