पश्चिमी तर्क | Pashchimi Tark
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11.44 MB
कुल पष्ठ :
200
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रथम काण्ड । प्राचीन यूनान का तक। एक ऐसे पुरुप के लिये जो पश्चिमी तक के इतिहास का पाठ करना चाहता हैं कोई स्थान इतना मनोारञक नहीं जितना प्राचीन यूनान है । यहां से पद्चिमी तक का आरम्भ हुआ यहां के लोगों ने ऐसे २ उच्च भावों को प्रकट किया कि आज पय्यन्त उनका नाम सूय्य के समान दूंदीप्यमःन हो रहा है । दो सहस्त्र वर्षो से अधिक व्यतीत होने पर भी यह लोग हमारी बुद्धियों पर राज्य करते हे आर तक के कई भागा में वीस्ववीं दाताब्दी का भाव उनके भावों से बहुत आग नहीं । आज कोई पुरुष सुशिक्षित कह- लाने का अधिकार नहीं रखता जो खुकरात अफलातूं और अरस्तु की दिक्षा से सचेधा अवध हो अनपद़ों में भी बहुत थोड़े हैं जो इनके नामों से अपाराचित हों । सुकरात अफलातून और अरस्तु की शिक्षा में यूनानी तक अपनी उन्नति के शिखर पर था किन्तु यह कहना भूल हैं कि यूनानी तक॑ का प्रारम्भ खुकरात से हुआ ओर अरस्तु के साथ इसका अन्त होगया । यूनानी तक में यह तीनों नाम अधिकतर प्रसिद्ध हैं आर दवयाग मे इनके काम का युग पक दुसरे से मिलता हं इस्स कारण से युनानी तक का इतिहास तीन भागों में विभक्त किया जासक्ता हैं - (१) खसुकरात से पूव का तके । (२) सुकरात अफलानूं और अरस्तु का तक । (३) अरस्तु के पीछे का तक | अब हम इन तान भागा का चणेन पृथक २ करेगे ।
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