गीत पुस्तक | Geet Pustak

Geet Pustak  by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सृष्टि और प्रवस्घ में ईश्वरीय मदिमा १ _ श सुखालिफों की सब तद्बीर चद्द सब जददान का हाकिम दो ख़दावन्द जानता हे हकीर चित देखता सारे झालस को #.. ध्यौर बातिल उनके खियाल घोर जानता सब के काम | 2... ध्पनी मिरास की चहद पनादह ं ४ न लशुक्धरों की चहुतात ध्यपनों पर रखता वह नियाद न पदलचानी से नजात वे रहते हैं खुशद्दाल । सच हे खुदा के दाथ ३ झ्रादमी तो दिल में ठानता हे जो उस के सास्इने है ब्हाकसार पर रच्य जो सब कुछ जानता है|... उस की नजात का उम्मेद्वा ए सो करता इन्तिज़ाम ् रहेगा चेन के साथ । रे (१९) उणा. उस उ उन पए3पायारफप 0 | ग ही # रे ख़दाचन्द तथ्याला है सुबददान क दे ख़दावत्द का फिरिदतः जो उस की तदझारीफ करो हर ध्यान... बचाता हें बह बन्दों को खुदावन्द की बड़ाई को मकावों को दीनदासों के तुम उस का नाम चुजन्द करो। |... बह घेरता है चार तरफ से 1 हक जब ढूंढा तु को झासी ने #/ ४ ख़दा है खूचमुकदसों ८... बचाया तू ने गठौफों से नित उस के मुतवक्षिल दो ४८. जब तुम पर में ने नजर की चह तुम को सब छुछ देता हे ८... नजात तब तू ने मुझे दी । तुम्द्दारी खबर लेत। है । श६ (९०७ इछा कर उठ फ्एप एस खडपादर दी क ही थी का. छा हू खद।चन्द को ऐ मेरी जान २ खुदावन्द को ऐ मेरी जान तूकदद मुबारकबाद हर ध्यान तूकद मुवारकचाद हर धान घ्यौर मेरे झ्न्द्र सब जो दो |. - लू उस की निशथमतें न भूख से उस के नाम मुकदस को । शुकरनि में झब हो मदायूल ।




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