राहुल सांकृत्यायन की इतिहास दृष्टि | Rahul Sankrityayan Ki Itihas Dristi
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.49 MB
कुल पष्ठ :
150
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ. चन्द्रभानु प्रसाद सिंह - Dr. Chandrabhanu Prasad Singh
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)रचनात्मद साहित्य में इतिहास दृष्टि / 15 हुई उसे अप्रमर फरती हैं। ये बया-तरगें वाशी नगरी की जीवन घारा मा बनाती हैं-- फाशी नगर स्वय इस उप यास वा नायय है---और इत कहानियों म आये विभिन घटना पात्र उसये जीवन-विवास थे श्रमिक अभिव्यकत स्वरूप हैं । जैसा कि वहा जा चुवा है कि यात्रा भी इतिहास थो प्रवहमानता मो प्रतीषित बरती है और राहु के ऐतिहारिक उप यास याताह्मव हैं। सिंह सेनापति जय यौधेय मधुर स्वप्त बे सभी प्रधान पात्--सिंह कपिल जय शाहकवात (तथा उसमे मजदयी साथी)--याता प्रेमी हैं और यात्राएँ वरते हैं। विस्मृत-यान्नी का नामवरण स्वय इस बात का सूचक है वि इसका नायव याभ्री है। य॑ सभी पात्र एक यात्री वी साहसी प्रवृत्ति से सम्पन्न हैं। और अपनी साहसिक यादा के श्रम मे इतिहास थी भी यात्ना करत हैं। स्वयं राहुल भी भाजीवन घुमक्वड रहे । घुमवरडी उनके लिए जीव बह धम वत गया था और जयतु जयतु धुमकरड पथा उतवा उद्पोष था । राहुल ने घुमववडी को विश्व वी सेव श्रेप्ठ चस्तु स्वीकार विया है। यह उनवे मिसी वड़े योग सं कम सिद्धिदायिनी नही थी । उनवी मायता थी मेरी समझ म दुनिया थी रावधेप्ठ वस्तु है घुमववड़ी घुमववद से बढ़कर व्यवित और समाज का कोई हितकारी नहीं हा सकता । यायावर लेख रात ने निरपैगुण्ये पथि विचरत यो विधि निषेध शव राघाय के इस बावय वो सूल मन्त्र मातवर भाजीयन घुमककडी घम को निभाया । यह घुमववडी उनके लिए काव्यरस अथवा प्रह्मानन्द से विसी भी प्रकार बम नही थी । इस रस मे लिए वे आजीवन पिपासु रहे। इसी यामावरी ने उ हें देश भर विदेश की याश्राआ वे लिए प्रेरित विया। और इस क्रम में उ द्वोनि इतिहास लेखय ये निमित्त समिधा एपट्िंत की । इस प्रकार यात्रा सिफ प्रतीवात्मक स्तर पर ही इतिहास की प्रवहमानता का सूचित नही बरती बल्वि इतिहास लेयन भा आधार भी प्रदान करती है । रागेय रापय यी भौप यासिक कृति महायात्रा गाथा म भी महायात्रा इतिहास भी प्रवहमानता को प्रतीफित यरती है। इस वहदूकाय कृति मे भारतीय इतिहास और सस्कति की आदिवाल सं लेवर पृथ्वीराज तब वी व्याद्या की गयी है। इसमें सम्यता- सस्कृति के विवास वे प्रमुप प्रवाशन ध्येय मे अनुवूल राजनीतिव परिस्थितियों वी अपेक्षा अय सास्टतिव परिस्थितियां था अकन अधिय हुआ है। इसके विपरीत राहुल वी इति- हास-यात्रा में राजनी तिव-आाधिव परिस्थितियाँ प्रमुख स्यान रखती हैं । राहुल की इतिहास-दप्टि ऐतिहासिक भोतिव वादी राटूल ने ऐेतिहासिव भौतिववादी दप्टि से इतिहास वी रचनात्मव यात्रा की है। लेविन उठने अपने लेपकीय जीवन वे प्रारम्भ से ही ऐतिहासिक भौतिववादी प्टि के तहत लेखन नहीं किया। 1924 थे राहुल को माक्सवाद भर रूसी श्रातति से विस त्तरह और बित्तना परिचय था. यह उदी की जुबापी सुनिए . 1918 और 1919 ई० मे रूसी भ्ातति वी जो थोडी-बहुत खबरें गन्नत या सही हिदी-पत्ना मे निकलती उनमें कल्पना की भमक-मिच जयाकर मैंने अपने मत भ एव साम्यवादी दुनिया की सृष्टि कर ली थी । उसी
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