सूचीकरण के सिद्धान्त | Suchikaran ke Siddhant

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Suchikaran ke Siddhant  by प्रेमकुमार जायसवाल - Premkumar Jaiswal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बट हे पड जड ्ैं बे तह का अध्याय 1 भूमिका (रए९०00एल1074) ग्रंथालय में पाद्य-सामग्री का संकलन पाठकों के अध्ययन अनुसंधान या संदर्भ के उद्देश्य से किया जाता है. पर यह आवश्यक नहीं है कि जब भी पाठक ग्रंथालय जाए तो उसकी सभी अभीष्ट सामग्री या प्रलेख (तें०८ए0605) शेल्फ पर मौजूद हों. इसलिए ग्रंथालय में एक ऐसा उपकरण (1001) होना चाहिए जिसके द्वारा पाठक संकलन से परिचित हो सके. इस उपकरण को ही ग्रंथालय सुची (10787 ८8810806) कहते हैं 1 ग्रंथालय सूची को परिभाषा (जहालाबाएाणएार 0१ ग8ार & ४ (&1 51.0065086) सुची शब्द के लिए अंग्रेजी में ८91210806 शब्द का व्यवहार होता है. (1०08ए८ शब्द मुल ग्रीक भाषा के ८4/८2/०8४5 शब्द से रूपान्तरित हुआ है. ए214 का शाब्दिक अर्थ अनुसार या से है और 108०5 के कई अर्थ निकलते हैं जैसे शब्द क्रम या शतक. अर्थात्‌ सुची का अथे उस वस्तु से है जिसमें पाठ्य-सामग्री का विवरण या तो किसी सुनियोजित योजना या क्रम के अनुसार हो या तर्कसंगत हो. यों तो सुची की अनेक परिभाषाएं दी गयी हैं पर सर्वेसम्मत परिभाषा खोज पाना दुलंभ है. देखा जाए तो सुची से जो कायें सघता है उसी में उसकी परिभाषा निहित है. यों सूचियां अनेक प्रकार की होती हैं यथा ग्रंथालय सूची पुस्तक-विक्रता सूची मुद्रक-सूची प्रकाशक- सूची. पर हमारा तात्पयं यहां ग्रंथालय सुची से है. साधारण शब्दों में ग्रंयालय सूची से तात्पयं किसी ग्रंथालय या संकलन (०८01160- घंणा) में उपलब्ध प्रलेखों या पाठ्य-सामग्री की सुची से है (८८८ फ. 155 ). इस परिभाषा में तीन पहलुओं का समावेश हुआ है (1) सुची (5) (1) प्रलेख या पाठ्य-सामग्री और (11) किसी एक ग्रंथालय या. सम्मिलित प्रंथालयों (हा०00 ०4 ॥७ा27165) के संग्रह (9०101085) - सूची (051) से तात्पयं उस व्यवस्थापन (8एथ्ाइवपाट्ा) से है जो किसी सुनियोजित योजना के अनुरूप किया गया हो. प्रलेख (०८5) से लिखित मुद्रित और चित्रित सामग्री का बोध होता है जिनके अन्तर्गत पुस्तकें पत्र -पत्रिकाएं माइक्रो- हरफ किटाटा 500 ह. 7०कवार् दे हरदा द्वावक्शिदिह वर्क (छाट्वड्ण एतांन्टाडक 0 (फ़ांट8 ० ८55 1957 ए. 4.




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