शरत - साहित्य | Sharat Sahitya

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Sharat Sahitya by डॉ. महादेव साहा - Dr. Mahadev Saha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्श्‌ २१ काजी अब्दुढ बदुद--कोषकार, निवन्धकार, उपन्युसकार ओर जीबनीकार । मीरपरिवार, दिन्दू-सुसलमान, गेटे, क्रीएटिव-बेंगाल आदि इनकी रचनायें हैं । हर २२ उमराप्रसाद सुखोपाध्याय--स्वर्गीय आशुतोष सुखोपाध्यायके पुत्र, सादित्य-रसिक और ' बंगवाणी 'के सम्पादक । इसी पत्रिकामें पहले पटल धारावाहिक रूपमें पथेर दावी ( पथके दावेदार ) नामक दरत्वन्द्रका उपन्यास प्रकाशित हुआ था । ९३ रवीन्द्रनाथ ठाकुर--परिचय अनावश्यक । २४ केदारनाथ वन्योपाध्याय--सुप्रसिद्ध उपन्यास और कहद्दानीकार । बंगछा-साहित्यमें 'दादा मोसाय'के नामसे प्रसिद्ध । इन्होंने शोष खेया, अमराकि ओके, कबुखति पाथेय, दुक्खेर दिवाली इत्यादि दर्जनों उपन्यास और कहानियाँ छिखी हैं । चीने यात्रीमें इन्दोंने वक्‍्सर-विद्रोहके समयकी अपनी चीन यात्राका विवरण दिया है । ः २५ चारुचन्द्र चन्योपाध्याय--मौलिक और विदेशी छाया लेकर कई देजन उपन्यासोंके लेखक । यमुना पुलिने, मिखारिनि, दोटाना, चोर कौंटा, देरफेर, हाईफेन, आदि इनको प्रसिद्ध रचनायें हैं । * रवि-रदमि ” नामसे इन्होंने रवीन्द्रनाथपर एक पुस्तक लिखी है | रद महेन्द्रनाथ करण--बंगालकी तथाकथित अछूत पोद * जातिके कार्यकर्ता । ' फौन्दू क्षत्रियबंध-परिथय * पुस्तकके लेखक और दारत्‌ नचम्द्रके भक्त । २७ अमछ होम--प्रसिद्ध पत्रकार, साहित्यरसिक और दरत्चन्द्रके अनन्य भक्त । २८ सुरेन्द्रनाथ गंगोपाध्याय--साहित्यरसिक और शरतूचन्द्र के रिंद्तेमें मामा । ं २९, मणीन्द्रनाथ राय--सादित्यरसिक और दारतूचन्द्रके मित्रके पुत्र ३० घुद्धदेव भट्टाचाये--साइित्यरसिक और शरतूचन्धफें भक्त । वनस्पतिद्यास्त्रके अध्यापक ।




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