इस्लाम धर्म की दर्शन - भूमि | Islam Dharam Ki Darshan Bhumi

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Islam Dharam Ki Darshan Bhumi  by हज़रत मिर्ज़ा गुलाम अहमद - Hazrat Mirza Ghulam Ahmad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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है डाएं विशेष श्रेरणा और इच्छा से लिखा गया है । इस में पवित्र-छुरान की उन थूढ़ तात्विकताओं एवं तथ्यानुर्दाशिनी सार्मिकताओं का उल्लेख किया गया है जिन से सध्याह्वादित्य के समान यह प्रमाणित हो जायगा कि यह ग्रंथ निश्चय ही ईश्वर-प्रसीत तथा उसकी बाणी एवं उसी जयन्यता- सुष्टिकर्ता का सच्छात्र है । जो व्यक्ति पाँचों प्रश्नों के उत्तर आप्त करने के लिए इस निबन्घ को आधोपान्त श्रवण करेगा मुके पूर्ण विश्वास है है कि उस व्यक्ति के मानस-पटल में एक नवीव आत्मीयता का प्रादर्ाव तथा एक अलौकिक ज्योत्ना का स्रोत फुट पड़ेगा श्र परमात्मा की अमोधघ वाणी की एक यहुमु लापेक्षा-सम्पूर्ण-व्याख्या उसके हाथ लगेगी / मेरा यह व्याख्यान मानवीय ऊउलजलूल विवरणों श्रौर निरर्थकताओं से पवित्र तथा अतिशयोक्ति-पूर्ण संगत अ्तीपों से सक्या अछूता चुद्ध आर पावन है । सुमे इस समय एक मात्र सानवीय सहानुभूति ने इस विज्ञापन के लिखने के लिए प्रेरित किया है ताकि मानव समाज पतवित्रकुरान में निहित सुन्दरसू तत्व के दशन कर सके तथा इस बात का मी निरीक्षण करे कि हमारे विरोधियों को कितनी बड़ी भूल है कि वे अन्घकार से तो प्रेम और प्रकाश से प्रणा करते हैं । मु के सर्वान्तर्यामी परमेश्वर ने ईश्- चाणी द्वारा यह भी बताया है कि यह वह निमन्ष है जो सब पर विजयी होगा | इसमें ऋत एवं तात्विकता और सूचमता की कह अलोकिक उद्दीप्त ज्योत्नना है जिसके द्वारा अन्य वे सभी घर्मावुयायी जो यदि वहाँ श्रवणार्थ परडाल में बारे हों ओर इसको आधोपान्त श्रवण करें लज्जा- ब्नत हो जायेंगे तथा अपने घर्म मन्यों से ऐसे चमत्कार दिखलाने में




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