कल्याण महाभारत प्रथम खंड संक्षिप्त | Kalyaan Mahabharat Pratham Sanshipta Khand
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
77.71 MB
कुल पष्ठ :
947
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
He was great saint.He was co-founder Of GEETAPRESS Gorakhpur. Once He got Darshan of a Himalayan saint, who directed him to re stablish vadik sahitya. From that day he worked towards stablish Geeta press.
He was real vaishnava ,Great devoty of Sri Radha Krishna.
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पृष्ठ न्सेंख्या
३८७-आचार्य द्रोणका आक्रमण; घटोत्कच और
अरवत्यामाका घोर युद्ध ९
३८८-वाह्ीक और ध्रृतराष्ट्रके दस पु्रौंका वध?
युधिष्टिका पराक्रम; कर्ण तथा कृपसें विवाद
और अश्वत्यामाका कोप
३८ ९-र्जुनके द्वारा कर्णकी पराजय और
अद्वत्यामाका दुर्योधनके साथ संवाद तथा
पाद्यालके साथ घोर युद्ध
३९०-कौरव-सेनाका. संहार) सोमदत्तका वध
:. युधिष्टिका पराक्रम और दोनों सेनाओऑमें
दीपकका प्रकाश
३९१-द्योधनका सैनिकोॉंको प्रोत्साइन) कृतवर्माका
पराक्रम; सात्यकिद्वारा भूरिका वध और
घटोत्कचके साथ अश्वस्थामाका युद्ध
३९२-भीमसेनके द्वारा दुर्योधनकी; कर्णके द्वारा
सदददेवकी, शब्यके द्वारा विराटकी और
दतानीकके द्वारा चित्रसेनकी पराजय
३९३-द्ुपद-ृपसेन) प्रतिविन्ध्य-दुश्शासन, नऊुछ
दकुनि और शिखण्डी-कृपाचार्यका युद्ध तथा
धूप्टयुस, सात्यकि एवं अर्जुनका पराक्रम
३९४-द्रोण और कर्णके द्वारा पाण्डव-सेनाका संहार
तथा. भयभीत हुए युधिष्टिकी बातसे
श्रीकृष्णका घटोत्कचको कर्णसे युद्ध करनेके
लिये भेजना हे
३९५-घटोत्कचके दाथसे अलम्बुप ( द्वितीय )का वध
तथा कर्ण और घटोत्कचका घोर युद्ध
३९६-भीमसेनके साथ अलायुधका युद्ध तथा
घटोत्कचके हाथसे अलायुधका वध
३९७-घटोत्कचका पराक्रम और कर्णकी अमोघ
शक्तिसे उसका चघ
३९८-पयोव्कचकी सृ्युे मगवानकी प्रसन्नता तथा
पाण्डन-हितेपी मगवानके द्वारा कंणका
वुद्धिमोषट *
३९९-युचिष्ठिरका विषाद और भगवान् कृष्ण ता
१-पीजप्ण-सदिमा (महाभारत, समापर्च )
र-माम
-मदमारतके प्रतियाय भीकृष्ण (मदद भारततात्वयंप्रकाद) ह
-. टट४
८८
८८
८५९१९
८९ हे
८९५
८९६
८९९
०१
९०५
९०७
९०९
' ब्यासलीके द्वारा उसका निवारण
-अर्जुनकी आज्ञासे दोनों -सेनाओंका रणभूमिमें
दायन तथा दु्ौधन और द्रोणकी. रोषपूर्ण
... बातचीत
४० १-दोनीं दर्का दन्दयुद्ध; विराठ) सपौत्र ढुपद
और केकेयादिका वध; दुर्योधन और दुश्शासन-
की पराजय; भीम-कर्ण तथा अजुन-द्रोणका
युद्ध. *** . द
कर्म; शऋषियोंका द्रोणको अख्र व्यागनेका
आदेश तथा. अश्वत्थामाकी शृष्यु सुनकर
द्रोणका जीवनसे--नियाश होना
४०३-आचार्य द्रोणका बुध _ '**..... _ **+
पृष्ट-संख्या
९११
९१२
. ९१५
४०२-सात्यकि और दुयौधनका युद्ध) द्रोणका घोर .
कक ९१७...
९१९
४०४-कोरवबौका भयमीत होकर भागनां; -पिताकी '
मृत्यु सुनकर अश्वत्थामाका कोप और उसके .
द्वारा नारायणास्रका प्रयोग ... *++
४०५-अर्जुनके द्वारा युधिष्टिको उछाहना, मीमका
क्रोध; घृष्टयुन्नका द्रोणके विषयस आश्षेप और
सात्यकिके साथ उसका विवाद ...... ***
४०६-नारायणारका प्रभाव देख युधिष्टिरका विधाद;
९९९.
९२५ [
तथा भगवान् कृष्णके बताये हुए उपायसे उसका - -
निवारण) अश्वत्यामाके साथ 'घृष्टयुझ्न, सात्यकि
तथा भीमसेनका घोर युद्ध *** कक
४०७-अश्वस्थामाके द्वारा आग्नेयास्रका प्रयोग और
व्यासजीका उसे श्रीकृष्ण और अर्जुनकी '
महिमा सुनाना
४०८-व्यासजी के द्वारा अ्जुनके प्रति भगवान् शहर
की मदिमाका वर्णन
द्रोणपवें समाप्त
१४-मारत और मद्दाभारत ( श्रीयुतत एस० एन८
ताडपत्रीकर; एम्० ए० ) प्०
१५-'वा पट पीत की फहरान” ( पं० श्रीचन्द्रबलिजी
पाण्डे; एमू० ए० )
१६-नि्ेदन आर क्षमाधार्थना ( सम्पादक )
नल घट,
. संकलित
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० ७
श्रीकृप्णठे याचना (मदद भारततात्पर्वप्रकाश)
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