भारत की आदर्श नारियाँ | Bharat Ki Adarsh Naria

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Book Image : भारत की आदर्श नारियाँ  - Bharat Ki Adarsh Naria

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हूँ ३. )) “जो सब प्राचीन व्यक्ति पुण्य कर्मों का अनुष्ठान करके 'पुण्यवान हुए हैं, जिन्होंने पुण्य का ्रोत बढाया है, जिन्होंने तपस्या को है, हे यम ' यह प्रेत उनके निकट गन करे । ' “जिन बुद्धिमान व्यक्तियों ने हजारों तरह के सत्कर्मों को पट्टति दिखलाई है, जो सुय॑ की रक्षा करते हूं, जिन्होंने तप से उत्पन्न होकर तप ही किया है, हे यम ! यह प्रेत उन सब ऋषियों के निकट गमन करे । ' ८. शश्वता यह अगिरा ऋषि की कत्या और आसभग नाम के राजा की पत्नी थी । इन्होंने ऋग्वेद के अष्टस सडल के पहले सुक्त की ३४ ऋचाएं रची है । शश्वती के स्वासी आसग एक समय अग-हीन हो गए । शश्वती ने कठोर तप करके स्वामी को नीरोग किया । अपनें रचे हुए उक्त सत्र मे उन्होने स्वामी की स्तुति की हे । ८. उचशी उबेशी अप्सरा की कन्या है । इन्होने ऋग्वेद-सहिता के दशमस मडल के ८प्र सुक्त की सात ऋचाएंँ रची हैं । इस सुकत से उवंशी और पुरूरवा के उपाख्यान का वर्णन है । पुरूरवा और उर्वशी अप्सरा जब एक साथ एक जगह कुछ समय तक रहने के बाद एक दूसरे से अलग हुए है, उसी समय की बातें इस उपाख्यान में वर्णन की गई है । पुरूरवा कहते हैं--*प्रिये, तुम बडी ही निष्ठर हो ! इतनी




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