गोरक्षा में सब की रक्षा | Goraksha Mein Sabki Raksha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5.53 MB
कुल पष्ठ :
168
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हु ः गोरक्षा सें सब की रक्षा
तो भी वावा परमेश्वर का स्मरण करके आनंदपुर्वक जाएगा । वावा
ने अपना कत्तेव्य कर लिया। गाय को बचाना तो ईइवर की झपा
पर निभेर है।
१३-३-१९७९
क : आरब्धम् जय जगत्
[विनोवा]
' वाबा को खास कुछ कहने का वाकी नहीं रहता है। सिफ॑
एक छोटी-सी बात आपके सामने आज वावा रखता है। वावा उप-
वास करेगा, इस वास्ते दूसरा कोई उपवास न करे। एक दिन का
प्रतीकात्मक उपवास कर सकते हैं। इससे आगे जगह-जगह जाना
है और काम करना है। वह कर सकते हैं ।
गोरक्षा तो भगवान कर्येंगे । वावा गोसेवा करेगा । जिस गाय
का दूध बचपन से आज तक हम पीते आये हैं, उसकी रक्षा तो
भगवान करेंगे । उसकी सेवा हम करेंगे ।
वावा मृंतिम समय तक जाशा करता है पु्ण सफलता की ।
बाकी भगवान की इच्छा । ः
चावा भनाशा रखता है कि -भारतभर के सभी प्रांतों को, सब
लोगों को, सब सेवकों को गोसेवा की प्रेरणा मिलेगी ।
अब वावा हमेशा के मुताबिक * समाप्तमू जय जगत् ' नहीं
कहेगा; ' आरव्यमू जय जगत् ” कहेगा ।
(गोहत्याध्वंदी हेतु ता० २२-४-७९ को अनदान प्रारंम करते हुए)
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