राजस्थानी - हिंदी संक्षिप्त शब्द कोश | Rajasthani-hindi Sanshipt Shabdakosh

Rajasthani-hindi Sanshipt Shabdakosh by सीताराम लालस - Seetaram Lalas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अजारी दर ग्र्त ााााााााााााण अप श्रजारों-देवों “्रजाणँ' । श्रजाम-पु० फोर] १ परिणाम, नतीजा, फल । २ ममाप्ति, रत । 3 पुर्ति। ८४ इच्छा-सपत्ति | ्रजार-पु० एक तीर का नाम । श्रजीर-पु० [फा०] १ गुलर जाति का एक वक्ष । * टस वृक्ष का फल जो रेचक होता है ! श्रजील-देखों 'इजील' । अ्जुरणौ, (वौ)-क्रि० ग्रकुरित होना । अ्जुद्ि, ग्रजुठो, ग्रजद्ि, अजुठी-देखो श्रजठी | श्रज्या-देखों 'ग्रजा' । भ्रट-पुर १ भाग्य के लेख । २ भ्रविकार, कब्जा । दे कलम की नोक ।. ४ कलम ।. ५ लिखावट, लेख । ६ कवच का हुक । ७ कमर के ऊपर घोती की लपेट, ऐंठन । ८ पारारत, बदमाशी । € काटा या फास निकालने की क्रिया ' १० ऐंठन । श्रट-सट-वि०. १ व्यथं, निरथधंक । ०? ऑ्रस्त-व्यस्त । भ्रटाणी, (वौ)-क्रि० १ छल-वल से किसी वस्तु या धन को कब्जे में करना । २ छीनना । भ्रटि, झ्रंटी-स्त्री [स० झड़ या झ्रष्ठि, प्रा० ग्रट्ि] १ कमर के ऊपर धोती की लपेट, ऐंठन । २ ग्रगुलियो के दीच जगह । ३ तर्जनी पर मध्यमा को चढ़ाने से बनने वाली मुद्रा । ४ चलने या भागने वाले को दी जाने वाली पर की आड़ । ५ सुत या रेशम की गुडी । ६ सूत लपेटने की लकडी । ७ शभ्रघिकार, कब्जा । ८ क्षमता । ९ विरोध । १० लड़ाई, कगडा । ११ विगाड, नुकसान । १० कुश्ती का दाव । श्रड-पु० [स०्अड ] १ अदा । २ ऑ्रडकोश । 3 7 ब्रह्माड । ४ शिव का एक नामान्तर । ५ मुग-नाभि । ६ वी्ये । ७ कस्तूरी । ८ कामदेव । € कोश । १० सुवूत्त । कटाह-पु० ब्रह्माड, विश्व । ह एपकोस-पु० वुपण, फोता । गज, ज्ज-पुण ब्रह्मा । अडो से पैदा होने वाले जीव । अडवड-पु० ऊटपटाग, झसम्वद्ध, व्यर्थ का । श्रडब्द्धि, अंडब्रघी, अडसद्धि, श्रडब्रधी-स्तरी ० [स० अडवृद्धि] ग्रडकोश वढने का एक रोग विशेष । ः अडाकार, अडाकति-वि० [स०] अड्े के समान मोल । श्रडियो उवि० ₹ नपुसक । २ कमजोर, निवंल । 3 देखो 'ग्रडौ' £ देखो “ग्राड' 1 अ्रडी-देखों 'एरडी” । अ्डे-ग्रव्य यहा । श्रडौ-पु० [स० झड़] है वह गोला या. फिट जिससे अडज प्राणियों की उत्तत्ति होती है, ग्रटा । २ शरीर, देह, पिउ । 2 देवालय के शिखर का फलश । म्रढी-पु० दिन का तीसरा प्रहर । श्रंणद-देखों 'ग्रारगद' अ्रणराय-देखो “भ्रणराय' श्रणहार-देखो “'उणियार' अणियाठ-देखो “अ्रणियादी' अणि, अणी-देखवों 'प्रर्णि । देखो ग्रिर्पी । श्रत-पु० [स०] १ समाप्ति, पुर्णता, इति, म्वसान । द मृत्यु । दि ३ नाश, खात्मा । ४ सीमा, हद । ५ छोर, किनारा 1 ६ चरमसीमा । ७ वस्त्र का ऑ्राचल । ८ सामीप्य, नजदीकी ! € पड़ोस । १० उपस्थिति । ११ पिछला भाग । १२ जीवन की समाप्ति । १3 परिणाम, नतीजा १४ बाव्द का श्रतिम ग्रक्षर । १५ प्रकृति, स्वभाव । १६ प्रलय । १७ अन्त करग, अन्तरात्मा । १८६ यमराज, सर तक । १६ पूर्ति । २० श्रतिम भाग वि० १? समाप्त, पुर्ग । ? नप्ट, खत्म । 3 य्रीर्‌ । ४ निकृप्ट, नीच । ५ श्रसीम, श्रपार । ६ श्रत्यघिक, वहुत । ७ सुन्दर, प्यारा । ८ लघुतम, छोटा 1 ६ पीछें का, पिछला 1 क्रि० वि० १ झन्त में, आखिरकार । २ देखो “प्रात --अक्षरू-आखर-पु ०पद,शब्दया वर्णमाला का श्रन्तिम वर्ण । --करण-पु० हृदय, मन, भ्रन्तरात्मा । वि०-नाश करने वाला, सहारक । -उकरम-पु० अन्त्येष्टि क्रिया, अंतिम सस्कार 1 --कार, कारक-पु० बमराज । -वि० सहार करने वाला । -एकाठ-पुण्य्न्तिम समय,श्रवसान, इति । मृत्यु का समय 1 -उकिरिया-स्त्री ० ग्रन्त्येप्टि क्रिया, अन्तिम सस्कार 1 -एकुटिढठि-वि० कपटी, घोखेवाज । एएक्रत, क्रित-पु० यमराज । वि० सहारके । उक्रिया-स्थी० अन्त्येप्टि क्रिया ।-क्षर- गत आखर' -एगत-वि० मुक्ति प्राप्त करने वाला । पु०मोक्ष, निर्वाण ! एक सूत्र । गति-स्त्री मौत, मृत्यु । अन्तिम दशा । वि० श्रन्त को पाप्त होने वाला । नप्ट होने वाला । एएघाती-विं० दगावाज, कुटिल, घातक 1 एचर-पु० सीमा पर जाने वाला, कार्य पुरा करने वाला । एएजएु० स्यून कुलीन व्यक्ति, जुद्र । वि० अ्द्धृत । अन्त का, अन्तिम 1




User Reviews

  • rakesh jain

    at 2020-12-05 15:00:56
    Rated : 8 out of 10 stars.
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