राजस्थानी - हिंदी संक्षिप्त शब्द कोश | Rajasthani-hindi Sanshipt Shabdakosh
श्रेणी : भाषा / Language, हिंदी / Hindi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
47.77 MB
कुल पष्ठ :
788
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अजारी दर
ग्र्त
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अप
श्रजारों-देवों “्रजाणँ' ।
श्रजाम-पु० फोर] १ परिणाम, नतीजा, फल । २ ममाप्ति,
रत । 3 पुर्ति। ८४ इच्छा-सपत्ति |
्रजार-पु० एक तीर का नाम ।
श्रजीर-पु० [फा०] १ गुलर जाति का एक वक्ष । * टस वृक्ष
का फल जो रेचक होता है !
श्रजील-देखों 'इजील' ।
अ्जुरणौ, (वौ)-क्रि० ग्रकुरित होना ।
अ्जुद्ि, ग्रजुठो, ग्रजद्ि, अजुठी-देखो श्रजठी |
श्रज्या-देखों 'ग्रजा' ।
भ्रट-पुर १ भाग्य के लेख । २ भ्रविकार, कब्जा । दे कलम
की नोक ।. ४ कलम ।. ५ लिखावट, लेख । ६ कवच
का हुक । ७ कमर के ऊपर घोती की लपेट, ऐंठन ।
८ पारारत, बदमाशी । € काटा या फास निकालने की
क्रिया ' १० ऐंठन ।
श्रट-सट-वि०. १ व्यथं, निरथधंक । ०? ऑ्रस्त-व्यस्त ।
भ्रटाणी, (वौ)-क्रि० १ छल-वल से किसी वस्तु या धन को
कब्जे में करना । २ छीनना ।
भ्रटि, झ्रंटी-स्त्री [स० झड़ या झ्रष्ठि, प्रा० ग्रट्ि] १ कमर
के ऊपर धोती की लपेट, ऐंठन । २ ग्रगुलियो के दीच
जगह । ३ तर्जनी पर मध्यमा को चढ़ाने से बनने वाली
मुद्रा । ४ चलने या भागने वाले को दी जाने वाली पर की
आड़ । ५ सुत या रेशम की गुडी । ६ सूत लपेटने की
लकडी । ७ शभ्रघिकार, कब्जा । ८ क्षमता । ९ विरोध ।
१० लड़ाई, कगडा । ११ विगाड, नुकसान । १० कुश्ती का
दाव ।
श्रड-पु० [स०्अड ] १ अदा । २ ऑ्रडकोश । 3
7 ब्रह्माड ।
४ शिव का एक नामान्तर ।
५ मुग-नाभि । ६ वी्ये ।
७ कस्तूरी । ८ कामदेव । € कोश । १० सुवूत्त ।
कटाह-पु० ब्रह्माड, विश्व । ह
एपकोस-पु० वुपण, फोता ।
गज, ज्ज-पुण ब्रह्मा । अडो से पैदा होने वाले जीव ।
अडवड-पु० ऊटपटाग, झसम्वद्ध, व्यर्थ का ।
श्रडब्द्धि, अंडब्रघी, अडसद्धि, श्रडब्रधी-स्तरी ० [स० अडवृद्धि]
ग्रडकोश वढने का एक रोग विशेष । ः
अडाकार, अडाकति-वि० [स०] अड्े के समान मोल ।
श्रडियो उवि० ₹ नपुसक । २ कमजोर, निवंल । 3 देखो 'ग्रडौ'
£ देखो “ग्राड' 1
अ्रडी-देखों 'एरडी” ।
अ्डे-ग्रव्य यहा ।
श्रडौ-पु० [स० झड़] है वह गोला या. फिट जिससे अडज
प्राणियों की उत्तत्ति होती है, ग्रटा । २ शरीर, देह, पिउ ।
2 देवालय के शिखर का फलश ।
म्रढी-पु० दिन का तीसरा प्रहर ।
श्रंणद-देखों 'ग्रारगद'
अ्रणराय-देखो “भ्रणराय'
श्रणहार-देखो “'उणियार'
अणियाठ-देखो “अ्रणियादी'
अणि, अणी-देखवों 'प्रर्णि । देखो ग्रिर्पी ।
श्रत-पु० [स०] १ समाप्ति, पुर्णता, इति, म्वसान । द मृत्यु ।
दि
३ नाश, खात्मा । ४ सीमा, हद । ५ छोर, किनारा 1
६ चरमसीमा । ७ वस्त्र का ऑ्राचल । ८ सामीप्य,
नजदीकी ! € पड़ोस । १० उपस्थिति । ११ पिछला
भाग । १२ जीवन की समाप्ति । १3 परिणाम, नतीजा
१४ बाव्द का श्रतिम ग्रक्षर । १५ प्रकृति, स्वभाव ।
१६ प्रलय । १७ अन्त करग, अन्तरात्मा । १८६ यमराज,
सर तक । १६ पूर्ति । २० श्रतिम भाग
वि० १? समाप्त, पुर्ग । ? नप्ट, खत्म । 3 य्रीर् ।
४ निकृप्ट, नीच । ५ श्रसीम, श्रपार । ६ श्रत्यघिक, वहुत ।
७ सुन्दर, प्यारा । ८ लघुतम, छोटा 1 ६ पीछें का,
पिछला 1
क्रि० वि० १ झन्त में, आखिरकार । २ देखो “प्रात
--अक्षरू-आखर-पु ०पद,शब्दया वर्णमाला का श्रन्तिम वर्ण ।
--करण-पु० हृदय, मन, भ्रन्तरात्मा । वि०-नाश करने
वाला, सहारक ।
-उकरम-पु० अन्त्येष्टि क्रिया, अंतिम सस्कार 1
--कार, कारक-पु० बमराज । -वि० सहार करने वाला ।
-एकाठ-पुण्य्न्तिम समय,श्रवसान, इति । मृत्यु का समय 1
-उकिरिया-स्त्री ० ग्रन्त्येप्टि क्रिया, अन्तिम सस्कार 1
-एकुटिढठि-वि० कपटी, घोखेवाज ।
एएक्रत, क्रित-पु० यमराज । वि० सहारके ।
उक्रिया-स्थी० अन्त्येप्टि क्रिया ।-क्षर- गत आखर'
-एगत-वि० मुक्ति प्राप्त करने वाला । पु०मोक्ष, निर्वाण !
एक सूत्र ।
गति-स्त्री मौत, मृत्यु । अन्तिम दशा । वि० श्रन्त को
पाप्त होने वाला । नप्ट होने वाला ।
एएघाती-विं० दगावाज, कुटिल, घातक 1
एचर-पु० सीमा पर जाने वाला, कार्य पुरा करने वाला ।
एएजएु० स्यून कुलीन व्यक्ति, जुद्र । वि० अ्द्धृत । अन्त
का, अन्तिम 1
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rakesh jain
at 2020-12-05 15:00:56