हिन्दू संस्कृति और साहित्य | Hindu Sanskrati Aur Sahitya

Hindu Sanskrati Aur Sahitya by प्रो. जनार्दन मिश्र - Prof. Janardhana Mishra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दिन्दू संस्कृति की -प्रस्नावना ्द पीताम्चर है । (३) संसार की दों सबसे बड़ी ंक्तियाँ छकष्मी ( घन ) और सरस्वती ( ज्ञान ) इनकों गृह देवियाँ हैं । (४) इनके इशारे पर ये दोनों जगत में अपना चृत्य दिखलाती हैं । लक्ष्मी कमलवन में निवास करती है और मत्त हाथी इनकी सेवा करते हैं । उल्छू इनका वाददन हैं । इसका थे है कि धन से विलासिता और गौरव की दबद्धि होती है। हाथी या बढ़ी बड़ी सोटरों से इसका महत्व प्रकट होता है । जिसने धन एकत्र करना घ्यपने जीवन का उद्देश्य वना लिया वद्द दिवान्ध उल्त्यू है । वह ज्ञान झथवा सरकर्म कें ्मालोक को सहन नहीं कर सकता । ये क्षीरसागरकन्य का हैं ्रथात्‌ सामुद्रिक व्यापार से प्रचुर घन की प्राप्ति ोती है । सरस्वती के हाथ से वीणा पुस्तक और स्फटिक की साठा हैं । वीणा श्र पुस्तक कड़ा तथा ज्ञान के सछुत है । (३) अनस्तपादं बहुददस्तनेत्रम नल्त कर्ण ककुभो वव सघन । सूरसिंदस्तुति स्कन्द ० विप्शुखण्ड अध्याय १६. ४४ (४) विश्नस्सरस्वतीं वक्तू स्वेज्ञोथसिनमो 5स्तुते । लद्षमीवान्‌ अस्पतो ल्द्मी विश्रददक्षसि बानव ॥ घ्र्झ० 1२९ ७१ वामपदबंगता लूदमीराश्टिटा पद्मपांणिना 1 चल्लकीवादनपरा भगवन्सुखकोचना ॥ स्कन्द० चि० १०. दे कल (०8 1 एप ० एखा ० 5प्ाघ्5शा पा (00121 #रि80 585 ना ६ 15 ०00६10पएर्डाष् दं0लावंल पदा€ पिए 5शाघ5४४५1 15 ५0 9९-०६ हे घफृ0ण 85 8 5ॉएशदिप एव डाएश . 5 15 किए 50ए06पा165 ए00-- ८्डाएटपे घ5 8 आवरण 0 एड... पतंलस्‍एं प.घािडी।एा 3्ाघ5६ 8101. सापएं ?कारशाा मा था। 1तेह0पपरिटिए चाप तट एए6 12671 निपतता 1८ण०्ण०डप्श्फूफि ०] वा एप. 1 ? ए. 378




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