कल्याण | kalyan
श्रेणी : धार्मिक / Religious, हिंदू - Hinduism
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
50.97 MB
कुल पष्ठ :
770
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ड* पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुद्च्यते । पूर्णस्थ पूर्णमादाय पूर्णमेवावदिप्यते ||
ये मुक्तावपि निःस्प्रदाः प्रतिपदप्रोन््मीलदानन्ददां यामास्थाय समस्तमस्तकमणिं छुवन्ति य॑ खे बचे ।
- तान् भक्तानपि तां च भक्तिमपि त॑ भक्तप्रियं श्रीहरिं वन्दे संततमथेवेधलुदिविसं नित्यं शरण्यं भजे ॥
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ब्ष रेर गोरखपुर, सोर माघ २०१४, जनवरी १९५८ पूर्ण संख्या ३७४
भक्तकी भावना ।
||
९/ दस मेरे नेतनिमें दोउ चंद । न
४ गौर बरनि दुषभावु नंदनी स्याम चरन नँद नंद ॥ दा
रु गोढक रहे. छुभाय रुपमें; निरखत आनंद कंद। पु
रु जे 'श्रीपटट' प्रेम रख बंधन; क्यों छूटे दृढ़ फंद॥ र्
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