भाषा लोचन | Bhasha Lochan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15.57 MB
कुल पष्ठ :
544
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)६
उध्याप ट पर
२. द्राचिड़ और ह्विन्द्योरोपीय मोगकी वोलियर ( हमारी
चोलियॉंका चैंटवारा कैसे हो ? ) . **” छ््०्द
द्ाबिद बोलियोकी विशेषताएँ : द्ाविड़ी चोलियोंके
भेद : हिन्दु-्यौरोपीय गोन्नको संस्कृत गोत्र कहना चाहिए :
हिन्द-्योरोपीय योलियोंको विशेषताएं : श्वादिम हिंन्द-
योरीपीय चोली + कैन्ट्म '्रीर सतम वग: इस चेटवारेके
दोप : ध्वनि-साम्य, शब्द-साम्य श्रौर वावयनसाम्यके श्राघारपर
बैटवारा होना चाहिए ।
चौथी पाली
[ हिन्दी कैसे चनी, सँवरी और फैली | ]
१. हिन्दी कैसे बनी श्र फेज्ी ? ( दिन्दोकी बनावट व्योर
उसका घेरा शुर७
भारतकी धाजकी वोलियाँ कहाँसे निकली १ १
ग्रियसंनने श्रायं वोलियोंकि दो घेरे माने हैं-चादुर्यानि पॉच
घेरे माने हैं : श्राचायं चतुर्वेदीने श्राय॑ बोलियोंकि सात घेरे
माने हैं : हिन्दीने शब्द कहाँसे लिए ? : हिन्दीके झुण्डकी
साथिन बोलियाँ ।
कान ललवदर
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