भारत वर्ष का इतिहास भाग 1 | Bharat Varsh Ka Itias Bhag 1

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Bharat Varsh Ka Itias Bhag 1  by प्रो ० वेदव्यास - Pr .Vedvyas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ब्ग मरार्दों का साम्राज्य १७१६-१७६१९ ११ चहदी हा । मरादों में कुछ समय के लिए गृद्द-कलद छिड़ गया । इस गृह-युद्ध में बाला जी विश्वनाथ की सद्दायता से जो कॉकगा-प्रदेश का ब्राह्मण था साह की जी। हुई । साहू सारे मराठा प्रदेश का राजा एस योर राजाराम के पत्र शंभान्ी को कॉोलदापुर की जागार सांप दी गई । इन संवाधों # बदले सर १७१३ में घालाजी विश्वनाथ फो पेशवा ( प्रधान-मंत्री ) का पद मिला । सच १७२० तक व पशघा रहा | चौथ वह कर था जिसे मराठा लोग उन पर्देंगों से वसूल करते थे जिन पर वे अपना राज्टाविकार समसते थे | चौथ ्रोर सर्देशसुखी यह प्रायः द्यामदून का चतुर्थोश हुमा करता था | सर्देशमुखी चह्द कर था जिसे मराठा लोग इस प्रदेशों से वसूल फरते थे जिनमें शांति-स्थापना की थे म्मेचारी लेते घ। यह कर मदन का प्रायः दृशांश हुआ करता था | शाहालम ने केवल ४ वप राज्य किया । सन १७१२ में इसके मरने के चाद सेयद भाइयों की सहायता मराठा प्र दुलिए फे से फ़ररुद्रतियर सन १७१३ में गद्दी पर बैठा। मुफ्ल प्रदियर शीघ्र ही सेयर भाइयों फे शासन से घचड़ा उठा झोर उनसे छटकास पाने के विचार से उससे सन १७४१६ से संयद टूसनबली को दॉज्िस का सूचदार चना फर मेज दिया छोर साथ ही पढले सूचदार दाऊद ग्वां को सप्त भांग दे दिया शि ददद टुसेनमली का विरोध करे और उसे सरवा डान | चाह सुप्त यश पाकर दाऊद खां हसेनअलोीं फे दच्चिगा में पहुं गन द्दी्‌ सराठां परदारा फो साथ लेकर उसपे विरुद्ध ६ चल पड़ा | लड़ाई दर परंत इस यु दाऊद खां ही काम ाया 1 टसेनश्रली दक्षिण फा सूवेदार चन गया । नये सूचेदार का सय से पहला काम मराठों फे उत्पात को दवा कर देश में शांति की स्थापना करना धा।




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