पुराने और नए धर्म्म नियम | Puran Or Nya Dharma Niyam

Puran Or Nya Dharma Niyam  by अज्ञात - Unknown

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
१६ सध्याय । पर । स में क्यों करा कि यह मेरो धादिन है में मे उसे छयनी स्त्री कर लिया ते है यर रब थापनो स्त्री का सेकर चला जा ॥ २० यार फिरोन ने शपने लगें का उस के विपय में थाज्ञा दिई थार उन्दें ने उस वहा औ्राए उस को स्त्री घोा उस सल् समेत जा उस का था लिदा कर दिया ॥ क थ के दे व (इन्राहीम हार लूत के भ्ग झ्लग हानि का घरेंन ) डे 'लूब भार शपनो स्त्री श्ार ' अपनों श सारों स्पत्ति समेत लत को भी संग लिये हर मिस छा काटकर कमान वे दक्खिन देश से गाया ॥ २। घन्नासु भेद वकरी गाय चेल चार सानें थपरें का घड़ा धनी था ॥ 5 । फिर वदद दक्षिखिन देश से चलकर बेतेल छह प्रास उसी स्थान का पहुंचा लदां उस का संय पघोदिले पड़ा था सी येतेस पार रे के चीच में है ॥ ४ । व उसी बेदी का स्थान है ला उस ने वा पदिले बनाने थी छोर घी घ्ल्रास नें फिर यदावा से प्राधना कि ॥ ४। थार लत जा ख्रन्नास के साथ चलता घा उस के भी मेड बकरी राय बल छार तंद थे ॥ ६। सा उस दंश में उन दोनों को समाई न दवा सकी कि ले रकट्टे-रदिं ब्याकि उन के चहुत धन था यहीं तक कि वे सक्ट्टे न रद सके ॥ 9 । सा श्रान्नास श्ाीर लत को भेड करों झार शाथ बल के चरवाडा मे भागा एसा श्ार उस समय कनानो श्लार परिष्ञी लोग उस देश में र्इते थे ॥ ८ 1 तब श्वास लत से कदने लगा मेरे श्ार तेरे घोच श्रार सेरे श्लार तेरे चरवादों के यीच में भागा न दाने पार कोकि दम लेग माई- बेघु दे ॥ ९ । दया सारा देश तेरे साम्दने न्दीं सा सु से ध्रलग दा थदि त वाई छोर जार ते में ददिनी धार जाकगा शार यदि ते दकिनी बोर जार ता मैं चाद धार जाऊंगा ॥ १० । सब लत में साख उठाकर यदन नदो के पासवालो सारी तराई का देंखा कि घह्द सब सि्चो हुई है । जब लो पद्दावा ने सदास श्रार श्रसारा को नाश न किया था तब लो साधर के माग॑ तक वद्द तराईइं थद्ावा की बारी श्रौर मिस देश के समान उपलाक थी ॥ उत्पत्ति । पट श १९। सा लत छापने लिये यर्दन की सारी तार के चुनके यरब झार चला श्रार ले सरक दसरे से झलगया ही गये ॥ प२ 1 छन्रास ता कनोान देश में रहा पर लत उस तराई़े गरों में रहने लगा झार श्पना संब सदास के लिकठ खड़ा किया ॥ १३। सदोस के साग यदाया को लेखें में बड़े दद्ट थार पापी थे'॥ १४ । जब लत स्रन्नास से लग दो शया उस के पीछे यदेया ने श्रन्नास से कटा छाख चठाकर जिस स्थान पर त है थदां से उत्तर दक्खम परव पच्छिस चारों थार द्टि क्र ॥ ९५ । क्योकि लितनी भमि तुमे दिखाई देतो मै उस सब को में सुभे श्रार तेरे वंश का युग यग के लिये दशा ॥ पई । श्र में तेरे वंश वा पृथिवी को धल के किनका को नाइ बहुत कश्गा यह लो कि जा व्साई पृथियी की धूल के किनका का शिन सके यद्दी तेरा लंश थी रिन सकेगा ॥ १७ । उठ इस देश की लम्दाई स्रार चैडाई मे चल फिर क्योंकि मैं उसे तुकी को दगा ॥ १८ । इस के पीछे थन्नास झपना तंत्र खाउके ममे के वांओों के यीच ला इेन्नान में थे जाकर रदने लगा घ्रीर वीं भो यटाया की रक बेदी बनाई ॥ (पादीम के विवय थार चेल्कीसेदेक के दर्शन देने का वर्यन मे २४० शिनार के राजा श्रसापेल श्र रल्लासार के राजा थयाक सार रलास के राजा कदालागमेर खार रायोस के राजा तिदाल के दिनों से बा हुआ कि; २। वे सदाम के राज्ञा येरा छोर छासोारा को राजा लिशा श्लेर भदूसा से राला शिनाव् सार सबायीस के राजा शेमेयेर्‌ श्ार बेला ला साम्रर भी कशावता है चस के राजा के साथ लड़े ॥ ३ । इन यांचें ने सिद्ोस नाम तराई में जा खारे ताल क्षे पास दै रक्ा किया ॥ ४1 वारद लरस ला ता ये कदोालाश्रामेर के ध्ाघोन रदे पर तेरइवे वर्स में उस के दिसर्द्ध उठे ॥ थ । से चैथददच चरस में कदोलीाश्रामेर शरीर उस वो सभी राजा शाये स्योार 'रशुत्तरात्कनस सं रपाइयां को ग्रार दास से जासया का और शासकियातस मे सामयो को, ६ । द्वार सेडर नाम पद्दाउ में झारियां




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now