मानव - शरीर - रहस्य भाग - १ | Manava-sharir-rahsya Volume-1

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Manava-sharir-rahsya Volume-1 by डॉ. मुकुंद स्वरुप वर्मा - Dr Mukund Swarup Verma

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about डॉ. मुकुंद स्वरुप वर्मा - Dr Mukund Swarup Verma

Add Infomation About. Dr Mukund Swarup Verma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
झंद॒ चंवर किल्‍एयल्‍ेलकटयलफटफललीिलकलयललपकरनसन डे बा कक-अध्यलकर 2१2 चिच्चा-सूच्ी «८... सिं्न-विवरण . पूठ-संख्या (रंगीन) _ सालव-शरीर का आंतरिक दृश्य । डे २ (रंगीन) | जिकार्स्थि, चस्ति की छोर का प्र्ठ । | ७० | जानुसंघि की आंतरिक रचना । &२. | स्कघ-संधि वा परिच्छेद । शे इदय का पूर्च यू । हू हृदय का प्रशिचिस पूछ । रू ईै७ या, फुर्फुस, श्वास-नलिका, चुददू धमनी ौंग उसबी मुख्य शाखाएँ; | सह्दाशिरा 1 र्भ९ इृदध के कपार चंद' अवस्था में । ्श्द रक़ के लाल श्ौर श्येत कण । १७६ मेढ़क के रक्वकश । श्छ्घ करे डी. बन ४1 »#* 0. / हा चणे ही त््ण पक्काशंय, झन्न्याशय, सीहा इत्यादि । २४ ब्ामाशय, पक्काशय इत्यादि 1 ्प्० आमाशय का भीतरी चश्य । ऊपर की | सित्ति काट दी गई है। - २२१ पक्काशय और अग्न्याशय इत्यादि ।. रिरि२- पक्काशय, झग्न्याशय, घोद्द इत्यादि । २२३ साशय के दुशियांश भाग का परिच्छेद २९३ उद्र की सामने की पेशी इत्यादि _ काटकर अंजियों और उनको छाच्छा- दित करनेवाली कला दिखाई गई है। २९३ पक्ाशय की झांतरिक रचना । ं द्




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now