हमारा उत्थान और पतन | Hamara Utthan Or Patan (aary Kalin Bharat)
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm, समकालीन / Contemporary
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.5 MB
कुल पष्ठ :
150
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)न्ह्त्त्व्य
स्वुत पुस्तक का यह प्रथम ग्वण्ड ए४-१५-३३ को लिखना
प्रारम्भ एस श्योर ६१-३४ फो समाम्र हो गया।
इसको द्वितीय स्वण्ड ( मुस्लिम कालीन भारत ) भी प्राय:
समाधि पर था शीर दनीय खरट ( चतसान भारत ) लिखना
शेष था कि 'अनिवाय चिन्नन्वाधापओं के फारण लेखन-काये
रुक गया | तंत्र से 'झघ तक इसी ध्ाशा से कि तीनों खण्ड
सम्मिलित प्रकाशित दो, यह प्रथम खण्ड घरते में पढ़ा रद,
किन्तु ागे के दोनां खण्ड श्रभी तक सम्पुण न होसके
्रौर न उनके शीघ्र समाप्त होने की श्ाशा ही है । इसलिये
दो वप॑ फे बाद इस प्रथम खण्ड को ही पुनः संशोधित, परिवर्तित
शरीर परिवद्धित करके प्रकाशित कराने की यह योजना की
गई है। पुस्दक के प्रत्येक स्वण्ड का विपय भिन्ष-भिन्न होने
के कारण उनके. प्रथक-प्रथक प्रकाशित होने से पाठकों को:
कुछ भी श्रसुचिधा नहीं होगी |
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