प्राकृत मार्गोपदेशिका | Prakrit Margopdeshika

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Book Image : प्राकृत मार्गोपदेशिका  - Prakrit Margopdeshika

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कद्दू --वहेवुं, निन्दू--निंदवु कुणू, कर्‌--क्खूं, सूसू--सुकाबुं.. रूमू--रोप कवो. (७ थे था तर--तखुं. सुण--सांभलबुं, निणू--नितहुं, चिणु---एकठुं कब, ' वाक्यो-- ( मे ) पाछीए छीए. (तमे ) छो छो. ( अमे ) जाणीए छीए. ( तेओ ) पढेछे, ( तमे ) वींटोछो. ( तमें ) देखोछो. ( तमे ) एक करोछो ( तेओ ) सांभेछे. ( अमे ) मुंझाइए छीए, ( तेओ ) नीतेछे. ( जमे ) छडीए छीए, ( तेओ ) नमेछे. ' ( अमे ) निंदीए. छीए. ' ( तैओ ) ढेछे, *- ( ते ») वे मुझाओछो. ( तेओ ) सूकायछे. ( तेओ 9 वे नाचेछे, ( जमे) कहीए छीए. ( तमें ) तोडोछो. (ततेओ है, स्प्श करेछे ( तेओ ) जीवेछे. ( असे ) करीए छीए, (ते ) छो. ( तेओ ) पीएछे. ( तमे ) वे शोभोछो. | ( तेओ ) वे सांमिछेछें, '. (तेओ तरेछे. (1 ( तेंओ ) रांघेछे. . . . ! ( अभे ) रोप करीए छीए,




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