प्राकृत मार्गोपदेशिका | Prakrit Margopdeshika
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.5 MB
कुल पष्ठ :
196
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कद्दू --वहेवुं,
निन्दू--निंदवु
कुणू, कर्--क्खूं,
सूसू--सुकाबुं..
रूमू--रोप कवो.
(७ थे
था
तर--तखुं.
सुण--सांभलबुं,
निणू--नितहुं,
चिणु---एकठुं कब,
' वाक्यो--
( मे ) पाछीए छीए.
(तमे ) छो छो.
( अमे ) जाणीए छीए.
( तेओ ) पढेछे,
( तमे ) वींटोछो.
( तमें ) देखोछो.
( तमे ) एक करोछो
( तेओ ) सांभेछे.
( अमे ) मुंझाइए छीए,
( तेओ ) नीतेछे.
( जमे ) छडीए छीए,
( तेओ ) नमेछे. '
( अमे ) निंदीए. छीए. '
( तैओ ) ढेछे, *-
( ते ») वे मुझाओछो.
( तेओ ) सूकायछे.
( तेओ 9 वे नाचेछे,
( जमे) कहीए छीए.
( तमें ) तोडोछो.
(ततेओ है, स्प्श करेछे
( तेओ ) जीवेछे.
( असे ) करीए छीए,
(ते ) छो.
( तेओ ) पीएछे.
( तमे ) वे शोभोछो.
| ( तेओ ) वे सांमिछेछें, '.
(तेओ तरेछे. (1
( तेंओ ) रांघेछे. . . . !
( अभे ) रोप करीए छीए,
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