गीता का व्यवहार - दर्शन | Gita Ka Vyavhar Darshan
श्रेणी : धार्मिक / Religious, हिंदू - Hinduism
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20.47 MB
कुल पष्ठ :
576
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)त्
त्याज्यं दोपवदित्येके कर्म प्राहुर्मनीपिण; ।
यज्ञदानतप.कर्म न प्याज्यमित्ति चापरे ॥ ३ (मी० झष १८)
पिफिश्ताछू फिपड फाण्ड्लाए पट ( 0 (णाहिएचक शत 8 00 लिए रापठिगालाए
छा दशक, जिनका आल दिपाहीपास घने, 5 पृ 0 पिडल्ा हए पिंड प्ेलीपाईठ
साए हा. दितड़ बापिटा',
निश्चय श्यणु में सब्र त्यागे भरतसत्तस 1
काला वीर हु०05 6 0 8१९ ना
यज्ञदानतप कर्म न त्याज्यं कार्यमेव तव ।
यज्ञो दान तपश्नेव पावनानि सनीपिणासू ॥ श ॥
एतान्यपि तु कर्माणि संग स्यक्ता फलानि च ।
कर्तेच्यानीति से पार्थ निश्चित सत्तमुत्तससु ॥ ६ ॥
छौत्रछुकापा ता उ्ताडपात उड काएड टाफषिएधए था सच पडा 000 0
(1९ फूलणिपाधाटट 0 यज्ञ, दान, तप, पा कर्म, पे सिए डधिट& पिता; ता$ (6
05 पे, शशि दणारटठ एाएफ ला घुुण्णा छिएएफाएए पपयाइ 7पुघाा दफाई
परीएाट (का! 9९ ह्र0 सिधपि0घापपाए 0 पप्रडि कुलट्डटाइ0लमे 00 कहा हाए0पाएं 1 दिए
पता 0 5दप्युकड 07! उशापठााधिफा -- नियतस्थ तु संन्यास कर्मणो नोपपधते ।
पप्पू काश शिणा एाहड एप प्रेपॉछि एप. घाह. फाठएा: उठी ध5
कतााएल (लाफतिका एड झाण्वों डाला 09 फिल्टर एणापशापाह्त 98 मि
क5 प्रधप एक 0 फिट दा फ0 शइतूगा 05 वि पार हए 200. पिंद १५100 0९8
पिस्पेपषि लि ८एछि & इिट . फ़रािएए, इश्टीरघाए घडू. इएपेंप्प घत१पावधिछुट
पर फिपाहटी दादा 1000६ पाप #पि(शाटफा ६0 15 पा 15 पार इफसा,
प्राप्त भा फ0 15 छध्स टापादक एल 1900 नह सात्चिक घा दिल भीता
एपजववएा& रा 0९. फाषापुपस्पे (66. छा 0६९ पा जिफएएभया रवि 15 व.
छण्ध्डी 0 लगा. त्ाएँ जरा 0 क्लापएटबधिएणा . जशयपा, सवाए दा 1006 0पॉइ
एं०टीक्ाहतें कि उर्:0६ ९ 0 01100, पा पं० दा 01 सा पाए्फलाश्ते भावी 2 इशाह 01
इाइ0१५ वात होगा, 0, (न योत्य इति गोदिन्दूसुवस्वा रप्णीं बभ्ूव ह) त88प्ास्वे
किन वा हा द्रसावानु माँ पिएं दावे एव फट फन्टलएइट रा गिर ईणाणफाएइ
शणशैडनना
ने सोद स्टविलंब्घा प्व्मसादान्मयाउच्युत ।
स्थितोडस्मि गतसदेह करिप्ये वचन तव ॥ ६ ॥
User Reviews
No Reviews | Add Yours...