महावीर मेरी दृष्टी में | Mahavir Meri Diristi Me

लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
28.62 MB
कुल पष्ठ :
764
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

ओशो (मूल नाम रजनीश) (जन्मतः चंद्र मोहन जैन, ११ दिसम्बर १९३१ - १९ जनवरी १९९०), जिन्हें क्रमशः भगवान श्री रजनीश, ओशो रजनीश, या केवल रजनीश के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय विचारक, धर्मगुरु और रजनीश आंदोलन के प्रणेता-नेता थे। अपने संपूर्ण जीवनकाल में आचार्य रजनीश को एक विवादास्पद रहस्यदर्शी, गुरु और आध्यात्मिक शिक्षक के रूप में देखा गया। वे धार्मिक रूढ़िवादिता के बहुत कठोर आलोचक थे, जिसकी वजह से वह बहुत ही जल्दी विवादित हो गए और ताउम्र विवादित ही रहे। १९६० के दशक में उन्होंने पूरे भारत में एक सार्वजनिक वक्ता के रूप में यात्रा की और वे समाजवाद, महात्मा गाँधी, और हिंदू धार्मिक रूढ़िवाद के प्रखर आलो
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( हर )
सत्य की अभिव्यक्ति के उपकरण खोजने की साधना
प्रदनोसर
साहस, विवेक, जागरण
करुखा का रूप
जगत की सत्यता श्ौर श्रसत्यता का विचार
भ्रनुशूति प्रौर श्रभिव्यक्ति की दिशाम्रो में भेद
चतुर्थ प्रवचन
झभिव्यव्ति के उपायों की खोज
प्रश्नोतर
प्रनेकान्तवाद (सापेक्षतावाद)
साम्प्रदायिकता का विरोध
महाब्रत श्रौर अणुब्रत
दर्शन, ज्ञान, चरित्र
विविध योनिया श्रौर मोक्ष
महावीर से सम्पकं स्थापित करने की सम्भावना
पंचम प्रवचन
महावीर से सम्पर्क स्थापित करने का मार्ग
श्रावक शब्द का अर्थ
श्रावक बनते की कला
प्रतिक्रमण
सामायिक
घष्ठ प्रवचन
सामार्धिक की व्याख्या
प्रद्नोततर
नेतिकता श्रौर नतिक साहस
पाखण्डी ब्रह्मचयं श्रौर सही अह्माचयं
कामोपभोग का सम्यक् प्रकार
दैमिक प्रक्रिया में /तत जागरण
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