भारत में ब्रिटिश राज्य के अंतिम दिन | Bharat Me British Rajya Ke Antim Din
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5.26 MB
कुल पष्ठ :
220
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)10 मारत में दिरिश राज्य कर झत्ता
आवजद'
घरती, चमड़ी म्रौर दिमाग कु्ततता थुरू हो जाता है । दा होने के बावजूद
पेयिक लारस ने बसी शिकायत नहीं की । 115” के तापसान से वह पसीने से नहाठा
रहा और एक वार एवां श्तम कास्फ्रेस सें गर्मी थे सारे वढ़ देहोंट मी हो गया
था । थोड़ी देर विधाम कर वह लौट श्राया ध्रोर श्रपनी वसजाराा के लिए उसने
माफी माँगी ।
बविनेट सिशने नें श्राते हो वातदोत शुरू हुई । ए० वी एपकवेष्डर पिफे सहन
थात्री ही रहा 1 उसका कोई महत्वप्रगं योगदान नहीं रहा । गम्नीरता से बाम वरने
वाले दो मदस्य थे -- क्रिप्स श्र पेथित तारंस झौर यह जोड़ा तीकण बुद्धि धौर विशाल
हृष्टिगाय का अच्छा समन्वय था । पेयिक गारेस की मानदीयता ने क्रिप्त के सूखे
तर्वों वो हिन्टस्तानी नेतामों के सिए खुगनुसा ने मीं बताया हो पर तरल तो बता
ही दिया 1
केचिनेट मिशन का ध्यंय था कि हिन्टस्तानी मेताथों से वावचीत कर रन्हें
श्राज़ादी वी श्रपयो योजना यनाने को तँयार किया जाय 1 दुछ ही दिनो मे उन ठीनों
के लिए साफ़ हा गया कि इन तरह सिर एक यतिरोप ही तैयार हो सकता है । जिला
वी झूस्वी, उदतड शोर जिट-नरी मांग थी पाठिस्तान या बुद्ध नहीं । जिला से मुवा-
बता होते ही वे तिराथा में भर गय 1 जिनना हमेशा वटिया सित हुए वपर्डों से झाता,
उनका दुवला-रठला टाँचा हमया तना डरा, आँखें साफ झौर चमकीली भौर जब दिन
मी गर्मी मे सभी पसीने से तर ता भी उसकी चमडों सूखी हुई 1 एलेक्जेस्टर ने एक
चार कहा था, “जहाँ तक में समनता है कि वह श्रकला धादमी है जो अपना कूलर साय
पिएं फिसता है ।” दोस्ती की जैसी सी श्रदाएँ क्मोने दिखाई हो, एक लख के लिए
भी जितना का सनाव टूर नहीं हुमा ।
उनको सदस ज्यादा सतोप काग्रस वे सभापति सौलाना श्रवुलकलाम ध्ाजाद से
मिता 1 उनदी ही तरह वह भी गर्मी से उतना ही परयान होता था, बात सिर्फ इतनी
नहीं थी 15
बह मुसतमान या । श्रा़ादी मिलने पर हिन्द बहुमत उन्हें कुचल दगा, हिन्दू
शज से सताय॑ं गए अल्पसंख्यक वनकर ये रह जाएंगे 90,000 000 मुसलमानों वे
इस भय से उस सहानुभूति थी 1 लडितर वह यह कमी नहीं मानता था कि जिला वी
पाकिस्तान कक य याजना इस समस्या का समाधान था । वाइस पादा क॑ शत हिन्द
माधियों वे साय सताह-सशविरां कर उसने अपनी राय बायम की थी दि विस तरह
सम्पदायिकता खत्म वी जा सती श्र हिन्दुस्तान की एकता चचाई जा सकती है!
उगन वर्ड बार बेविनट मिगस से दातयीत की प्रौर 15 घर्यल, 1946 को एवं
1 मौलाना झाताद बल का बढ़ा प्रासक था भौर सिरे एक ४ भलोचना टसते की थाना
रिमने को रडद मे बराय दिलला का अरी हे व सिनेट सिरान को आतियोत थी जिद 1 मिरा कदना'
थां दि सके लिए रिक्त में बोद दिल नहीं थी कयंजि वायसराय की कोटा बहालुकतित थी भर
एच बसों बए्र भाड़ ह। नहीं थे ।
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