यशोधरा | Yashodhara

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ययोपरा श्प बता जोक, क्या इसीलिए है यह जोवन का फूल हाय ! पका प्रौर कच्चा फल इसका तोड तोड़कर काल साय 1 एक बार तो किसी जन्म के साथ मरण भनिवार हाय ! वार वार घिक्ार, किन्तु यदि रहे मृत्यु का दोप दाय ! झमूनपुष्र, उठ, कुछ उपाय कर , चल, चुप द्वार न वेठ हाय ! सोज रहा है बया सहाय तू ? मेट झाप ही. झन्तराय 1 पु पडी रह तू मेरी मव-मुक्ति ! मुक्ति-हेनु जाता हूं यदद मैं, मुक्ति, सुक्ति, घस मुक्ति ४ मेरा मानस -हंत सुनेगा भोर कोन-्सो थुक्ति ? गुक्ताफल निट्देन्द्ध चुनेगा, चुन ले कोई धुक्ति।




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