यशोधरा | Yashodhara

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Yashodhara by मैथिलीशरण गुप्त - Maithili Sharan Gupt

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about मैथिलीशरण गुप्त - Maithili Sharan Gupt

Add Infomation AboutMaithili Sharan Gupt

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
ययोपरा श्प बता जोक, क्या इसीलिए है यह जोवन का फूल हाय ! पका प्रौर कच्चा फल इसका तोड तोड़कर काल साय 1 एक बार तो किसी जन्म के साथ मरण भनिवार हाय ! वार वार घिक्ार, किन्तु यदि रहे मृत्यु का दोप दाय ! झमूनपुष्र, उठ, कुछ उपाय कर , चल, चुप द्वार न वेठ हाय ! सोज रहा है बया सहाय तू ? मेट झाप ही. झन्तराय 1 पु पडी रह तू मेरी मव-मुक्ति ! मुक्ति-हेनु जाता हूं यदद मैं, मुक्ति, सुक्ति, घस मुक्ति ४ मेरा मानस -हंत सुनेगा भोर कोन-्सो थुक्ति ? गुक्ताफल निट्देन्द्ध चुनेगा, चुन ले कोई धुक्ति।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now