सूफीमत और हिंदी - साहित्य | Sufimat Aur Hindi Sahitya

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Sufimat Aur Hindi Sahitya by डॉ० विमल कुमार जैन - Dr. Vimal Kumar Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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य सुफोसत का झाविरभाव हद हृश्म भिननरूपता नगण्य है, इन शिक्षायों ने उदारादयों के हुदय में सिय्व-वन्धुत्व उत्पन्न वर बडा योग दिया । झासे चलवर यही रतिभाव सूपीमत का झाधार बना 1 सूफी साधकों ने इसी सासारिक प्रेम को दैवी प्रेम की सीढ़ी माना 1 मुहम्मद साहब वे जीवन का झ्रध्ययन हमें बतलाता है कि वे ससार से विरबत भी थे । ससार वा अन्तद्वन्द उन्हें कभी-वभी विकल कर देता था श्रौर वे एकान्त « चिन्तन में लीन रहते थे । चालीस वप वी अवस्था से कुछ पूर्व वे हेरा मी गुफा में : चले जाते थे और कई दिनों पर्यन्त ईश्वरीय ध्यान में निमग्न रहत* थे । सन ६०६ ई० रमजान के दिनो में एक रात उसी गुफा में उन्हे ईइवरीय प्रेरणा प्राप्त हुई । उनमें देवी गिरा झवतरित हुई । कुरान उसी का परिणाम है । उन्होनें झपने वो ईदवर का प्रतिनिधि घोषित कर दिया । हेरा वी गुदा का यही चिन्तन भावी सूफीमत के चिन्तन वा प्राथमिव आधार घना । इस प्रकार भादि सूफियो को अस्तिम रसूल के जीवन में सूफीमत न बीज मिले । कुछ सुफियों का वधन* है कि सूफीमर्त का आदम में बीज बपन हुमा, नूह में अ्कुर जमा, इब्राहीम में वली खिली, मूसा में विकास हुआ, एवं मसीह में परिपाव भ्रौर मुहम्मद में फलागम हुआ । मुहम्मद साहव के भ्रतिरिकत उनके समय से ही मवका के पेतालीस श्रादमियों ने सासाश्वि जीवन मा त्याग कर दिया था गौर वे ध्यान में लीन रहते थे । चान फमर* के मतानुसार इस्लाम में एवान्तेवास वी प्रवा को इस्लाम से पूरे ईसाई प्रभाव से ही उत्तेजना मिली थी । मुहम्मद साहव के जीवन-काल में ही लोग उपयुक्त विभिरन विध्वासों तया सरकृतियों ये सम्मिधण से, प्रधानत ईसाई प्रभाव से पवित्र जीवन बिताने वे महत्त्व को समभकने लगे थे । ईरवरीय प्रेरणा की प्राप्ति के पश्चात्‌ उन्होंने जिस घर्म का भण्डा श्रपने हाथो में लिया. बह शीघ्र ही इस्लाम के नाम से 'परय तथा ग्रस्यान्य पाइवंवर्ती देशों में प्रसरिति हो गया । इस वबार्य सिद्धि के लिए उन्होंने साम झौर दण्ड दोनो नीतियों का श्राश्रेय ले विधर्मियों को परास्त वर इस्लाम / में मार्ग को निप्सण्टय वना दिया । इस विपय में मुसलमान लसको वा वेथन है मि रसूल ने इस्लाम वा प्रचार भौर प्रसार तलवार के वल पर नहीं किया बरन्‌ उन्होने आप्टाचार श्रौर कुप्रयागो का उन्मूलन करने के लिए ईदवरीय इच्छा झौर बरशर्म को ही सम्पादित विया या कफायात कट समय, दे उउ ४ त्तस्व्दुफ झयदा सुफीमत, पृष्ठ दे 1 है इललेतकाट लुक ही 25 उ6 व ५ (फिए सह (छल ९८ उापट्रछा व ई फिट एतिएकि इनटफिडटन रै ४ 0 हरू्ला।। बा श्र) प्लाः दि मगर दर्न्छ गण गुर के ग्ह दरार ७६): हू मम दु 81001? _ (जा 20. (र्िपरपरट कर्ठट ठिशतु दार गा भ सा हे उ55) मी साला




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