राजस्थानी वाताँ | Rajasthani Vatan
श्रेणी : भारत / India
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.67 MB
कुल पष्ठ :
248
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)'ाएणों खर सादे कवियों का काम रद है । इसके रूप को व्यापकता
को देखते हुए कदना पढ़ता है कि राजस्यानी का अधिरारा गय-साइित्य,
यहाँ तक कि ऐतिदासिक सामप्री भी कडानी के दी रूप में प्रकट दुए हैं ।
राजस्थान के इतिहाक ग्रंथ ““ख्यात” कद्दानियों के संप्रद्द मात्र ईं ।
राजस्थानी कहानियाँ तीन प्रमुख रूपों में सिननती है-- (१) केवल
गधमय रूप में ( २) गय-पथ-सिलित रूप में और ( ३) केवल पथरुप में ।
इस जमाने में भी यदि स्ोज की जाय हो इजारों-प्रन्थ “बातों” के मिल
सकते हैं, जिनमें उपरोक्त तीनों रूपों में कद्दानियों मिडेंगी । । गद्याट्मक
कद्दानियों को बात कहते हैं ध्तर पथात्मक कहानियों को 'गीत' । दूसरों
रूप सदा से लोकप्रिय रहा है और इमारी समभ में वद्दी राजस्थानी
छकदानी का संवोंत्म रूप है । “कदवाट' की कहानों हन तीनों रूरों में इमें
शूपक २ इस्तलिखित दोयियों में देखने को मिलो । इतना सो राजस्थानी
कद्दानियों के रुपास्मक अंग के संदध में हुवा ।
विषय भी कदानियों के अनेक मिलते हैं । प्रमुख विषय हो धीरता ही
है, जिस पर शनुमानतः सौ में से पदास कहानियाँ लिखों मिलती हैं ।
पास्तु इसके अतिरिक्त प्रेम, भक्ति, स्वासिमक्ति, प्रनापालन, गोरक्षा,
पतिव्तपर्म और नौति के अनेक अंगों पर भी स्वच्छ रुप से कद्दानियाँ
लिसी गा हूं । अपने पदले प्रयास में इमने केदल वीरता के मुख्य दिवय
को सेकर सात प्रख्यात ऐतिशासिक कद्दानियों का संकलन किया ईै। यदि
थे राजस्यानी शौर दिन्दी जनता को रुचिकर हुई को इतर विषयों, पया
'घर्म, नीति लादि पर भी संकलन उपस्थित करेंगे ।
सब से दिचिय्र दात जो राजस्थानी कद्दानी में देख परतो दे बदद दे
इसकी धंली को ,दिलझण देपफिकता । शबस्यानो कदानों की शैसो
एलस्पानी दो को दे, उसकी समता दूसरी भाषार्षों में दूं दना निर््यक दै।
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