रामायण कथा | Ramayani Katha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
117.18 MB
कुल पष्ठ :
268
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( छ )
रामायण इसी नरचन्द्रमा की कथा है, देवता की कथा...
त ं है। रामायण में देवताओं ने अपने को खर्च /करके मजुष्य
नहीं बनाया किन्तु मजुष्य ही अपने शुर्णों से देवता हो गये ।
मनुष्य के पूण आदर्श का स्थापन कंरने के लिए ही भारते
. के कथि ने इस महाकाव्य को रचना की है और उस दिल...
से लेकर माज पयन्त भारत की पाठकमणडली मजुष्य के इस...
आदर्श चरित्र चर्णन को परम आग्रह-पूवक पाठ करती ला...
यही है ।
रामायण में एक बड़ी विशेषता यह है कि इसमें घर की...
बातों ही का बहुत बड़ा करके दिखाया है । फ्ति पुत्र में,
भाई भाई में, पति पत्नी में जो घर्म का बन्घन और प्रीति...
_ और भक्ति का सम्बन्ध है,रामायण ने उसे इतना महत्व दिया
है कि वह बड़े सहज ही में महा फाव्य के उपयुक्त हो गया...
है | प्रायः देशजय, शत्र विनाश और दो प्रबल विरोधी पश्नों
के प्रचरड जाघात-संघात साधारणतः ,महदा काव्य के बीच
में आन्दोलन और उद्दीपना का संचार करते हैं। किन्तु मु
_ रामायण की महिमा ने राम-रावण के युद्ध का आशय नहीं
'छिया है किन्तु इसमें चर्णित युद्धघटना राप्रचन्दर और सीता
के दास्पत्य प्रेम का हो उज्ज्वल करके दिखाने का उपलब्झ .
मात है । पुर के लिए पिता का आाज्ञापाठन, भाई के लिए
_ भाई सा मात्यस्याग, पत्नी का पतित्रत, पति का पढ्ो्त
न
की बातों बा इतना विशद चणन करना किघी देश के महा-
काव्य में उचित नहीं समभका गया । इससे केवल कवि कप कक
गैर प्रजा के प्रति राजा का कर्तव्य कददाँ तक हो सकता हैं...
रामायण मे यही दिखाया है । इस प्रकार ब्यक्तिघिशेष के घर
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