श्री सिद्ध किशोरी चरित्रामृत सागर | Shri Sidh Kishori Charitamrit Sagar

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Shri Sidh Kishori Charitamrit Sagar by रामगोपाल दास - Ramgopal Das

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(८)... गुरु देव के वल भरोसे पर ही अपनी खोज पूण, जहाँ तक... मुक से हो सका श्री अयोध्या घास बिहोती कीतन समाज (जिन के संचालक भक्तवर श्री १०८ श्री रमाँ जी महाराज थे एवं वर्तेमान सन्चालक व मालिक पुजारी श्री रांमशंकर शरण जी महाराज हैं; श्री जानकी जी लीला स्वरूप (श्री सिद्ध किशोरी जी) के जीवन चरित्रों का संग्रह करके उनकी स्मृति दिलाते हुऐ इसे लिखने व प्रकाशित कराने का साहस किया है, जिस से संसार में उन के शुभ चरित्रों का अचार व प्रसार हो कर: जगत जीवों का कल्याण हो ! सिद्ध सहान पुरुषों के जीवन चरित्रों को सुनने से मनुष्य के जीवन पर वड़ा भारी प्रभाव पड़ता है; और यदि उन चरित्रों का श्रद्धा पूबेक मनन किया जावे तो कांमधेनु की भाँति मनोकामना का भी फलदायक होता है। आशा है कि घर्म को कटा समझते वाले लोग भी इन दिव्य चस्त्रों से कुछ लाभ उठा सकेंगे ! कप '... सर्वेज्ञता का अभाव होने से मनुष्य मात्र भूल का पात्र तो है ही, भूल तो सभी से हुआ ही करती है; इसलिये दृष्टि दोष ' झथवा विचार श्रम से यदि इस जीवनी में भी कहीं कुछ भूल दिखाई पड़े तो पहाड़ खोद कर चूहा निकालने के भंगट में न पड़ कर प्रेमीजन इस जीवन चरित्र से सार श्रहण करने की ही उदारता दिखापेंगे । है जड़ चेतन गुण दोष मय विश्व कौन्द करतार |... संत हंस गुण गदहिं पय परि हरि वारि विकार |): श्री युगुल-सरकार प्रिय-प्रीतम श्री सीताराम जी महाराज को. मेरा कोटिशः प्रसाम है कि जिन की असीम कृपा द्वारा दी मुझे इस परम पुनीत म्रन्थ को लिखने का. सोभाग्य प्राप्त हुआ श्री सिद्ध किशोरी जी की इस जीवन भौँकी की रचना प्रेमीजनों के कल्याणाथे ही हुई है जो कि उन को उपहार रूप में मेंट कीं




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