मृच्छकटिक | Mrichchhakatika

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Mrichchhakatika by रांगेय राघव - Rangeya Raghav

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ूड मुच्छकटिक बोलते हैं। माथुर श्रौर द्यूतकर की भाषा ढकक्‍की अपर दा है । निस्संदेहू इस ं नाटक का लेखक शभ्रनेक भाषाओं का भधघिकारी था । मुच्छकटिक एक बहुत सु दर नाटक है, परंतु संस्कृत का सर्वश्रेष्ठ नाटक ं दर दी ही कि ड ८ के द्ः । ं नहीं है। यद्यपि नाटकीय हष्टि से इसमें कमियाँ हैं, परंतु कोई पूर्ण ही हो, ऐसी रचना श्रभी तक हमें प्रात नहीं हैं । -एरांगेय राघव ं




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