भारत - निर्माता | Bharat Nirmata

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Bharat Nirmata by कृष्ण वल्लभ द्विवेदी - Krishn Vallabh Dvivedi

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about कृष्ण वल्लभ द्विवेदी - Krishn Vallabh Dvivedi

Add Infomation AboutKrishn Vallabh Dvivedi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
हि बिना किसी पदार्थ की सहायता के ही एक हवा को गर्म नहीं करता । सूय श्रौर हमारी ऐ्रथ्वी वे बीच करोड़ों, मील तक एकदम शल्य है--पू्ण बेकु- तरस । फिर भी सूर्य से हमें अपरिमित मात्रा में ताप प्राप्त होता है। ताप के संचार की इस विधि को “विकि रण” कहते हैं । विकिरण में . भौतिक. पदाथ॑ के. कण सहायता पहुँचाने के बदले उलदे बाघा पहुँचाते हैं । हा गीटी के सामने दफ़्ती का.. ढकंड़ा रख लीजिए, की पर विस्तृत रूप से विचार करेंगे । संचालन में ठोंस वे कण श्रपने पासवाले कणों कों ताप केसे दे. पते हैं लक क:.हतन ८ १, श्र से पदार्थों के झखुओं की गति..या कंपन, का . ढीले रहते हैं इसलिए वे ऊपर जगह सिली पसरनते शऔर दौड़ने लगते हैं..। . इंसोलिए प्रतीली




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now