भारत के महान क्रांतिकारी | Bharat Ke Mahan Krantikari

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Bharat Ke Mahan Krantikari by धीरेन्द्र वर्मा - Dheerendra Vermaलल्लन प्रसाद ब्यास - Lallan Prasad Byas

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

धीरेन्द्र वर्मा - Dheerendra Verma

No Information available about धीरेन्द्र वर्मा - Dheerendra Verma

Add Infomation AboutDheerendra Verma

लल्लन प्रसाद ब्यास - Lallan Prasad Byas

No Information available about लल्लन प्रसाद ब्यास - Lallan Prasad Byas

Add Infomation AboutLallan Prasad Byas

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
[१० ] ओर उसके वाद भी काफी समय तक उन पर विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगाए रुए | क्रानिकारियों का प्रेरक हम आज चद्रशखर “'आजाद', भ्रगतसिह आदि क्राति- कारियों के चित्रा ओर मूर्तियों को पूजते है, कितु इस जीवित ऋ्रातिकारी बनी यह उपेक्षा हो रही है, जिससे कभी उपयृक्त क्रातिकारीगण जपने कार्यो में प्रेरणा एवं मांग - दर्शन प्राप्त करते य तथा उनकी क्राति-सवथी पुस्तकों को गीता या वाइ- बिन नी तरह पूजते थे । यह सभव है कि सावर्करजी की मान्यताओं और बिच से देश के अनेक जीषस्थ नेतागण और देशवासी सह- मत न हो दोकिन यह नसहमति और बविचार-भिन्नता को उनके प्रति वतमान उदासीनता ओर उपेक्षा तथा विगत अचधि- स्मरणीय देश - सेवाओं के विस्मरण का कारण बनाना उचित नहीं । यह हमारे सामाजिर अथवा राष्ट्रीय जीवन की एक अवाछित एव अहितकर प्रवत्ति का द्योतक है । प्रबर हिंदू राष्ट्रवाद के समथंक सावरकरजी प्रखर हिंदू राष्ट्रवाद के समथक , जो वह अपने क्रातिकारी जीवन मे भी थे, बाद मे भी रहे और आज भी है। वह हिदुत्व को साप्रदायिक नहीं मानते । उनका कहना है--“हमे सप्रदाय कहना मूखंता है । हम हिंदू स्वत एक




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now