मानसिक ब्रह्मचर्य अथवा कर्मयोग | Mansik Brahmacharya Athava Karmayog
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22.87 MB
कुल पष्ठ :
712
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about फकीरचन्द कानोडिया - Fakirchand Kanodia
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१३ कतन्नता प्रकाशन मानसिक न्रह्मचये अथवा कर्मयोग नामक विपय को सम्पन्न बनाने के लिये साता-पिता की श्रोर से जो सुविधा तथा स्वत- न्त्रता मुके मिलीं है उनका सिलना किसी भी सन्तान को दुर्लभ है । उन्होंने ४४ चर्ष तक सेरा लालन-पालन किया २४ वर्ष तक गंभीर रोगों के आक्रमणों से मेरी रक्षा की और घन वस्त्र यान ्ौषधी चिकित्सक और शुश्रपक नोकरों झादि की ओर से कभी चिंतित नहीं होने दिया । उन्होंने कभी सुभ से घनाजेंन करने की सांग नहीं की । से अपने खाने-पीने सोने झ्रमण करने और झ्पने विषय सें सग्न रहा करता था | जो दूसरों के लिये कुछ नही था परन्तु मेरे लिये सब कुछ था | मुझे न घर की-ब्यवस्था की चिन्ता थी और न-हि सामाजिक श्रादि कार्षो से प्रयोजन था । इस प्रकार साता-पिता की ओोर से मुभे पूर्ण स्वतन्त्रता तथा सुविधा सिली हुई थी। जिनकी अपार कृपा से में अपने विपय को सस्पन््त बनाकर प्रंथ के रूप में जनता के सन्मुख रख रहा हूँ । उनका में अत्यस्त आभारी हूँ । जिससे मुक्त होना अत्यंत दुष्कर है। फिर भी जहाँ तक हो सके मु उनकी सेवा करनी चाहिए। यदि मैं
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