यूनान का इतिहास | Yunan Ka Itihas

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Yunan Ka Itihas by ब्रजनन्दन प्रसाद मिश्र - Brajnandan Prasad Mishr

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१३ दे थे शरदययथसरसासयययायसायायययचफपाययययययरयसययययपथरययथशसययपयदययपय्ययाय था । यदद देलेस्पन्त के दृक्षिणों सिरे पर था जो कि उन दो स्थल-विभाजकों में अधिक दाकिण बाला है जो कॉल सागर और मेडिटरेनियन सागर को जोड़ति है । ट्रोय मे मदछ समुद्र से इट कर वहां पर बना हुवा था जदों स पद्दाड़ो ऊंची दोन छगती हे और यद्दी पर ट्रोय नगर था। ट्रोय के अवराध की कथाय कदाचित केवल खुन्दर किस्से दी हैं परंतु इस में संझाय नद्दी है कि प्राचीन काल मे वद्दां पर ट्रोय नगर अंवद्य था । सा इमका यदद साचना न चाहिये कि ये पुरान नगर आज कल क जैसे. बड़ दाइर दंग । ये माज कल के गावा से झुछ दी बड़े होते थे भर इन के चारों भर चारदीचारी हाती थी । ८--पेंढोपोनिसस के राजा छोग--उन बड़े घरानो के विषय में जिन्दों ने थेवीस और पेलॉपिलिसस मे राज किया था बहुत से किस्से के जाते दें कोर उन की. लड़ाईयों और दुमाग्यों के विषय में भी बहुत कुछ कहा जाता है | इन किस्सों में जितने राजाओं का हाल है. उन में माइसनी का राजा एगेमनन सब से बड़ा था भर होमर ने लिखा हे कि ट्रेय के अवरोध मे सब यूनानी सेना का सुखिया यद्दी था। अब धम को यह याद रखना चाहिये कि. सूनानी लोग मिल कर इस मांति से कभी काम नहीं करते थे कि जैसे हामर ने लिखा है तो भी एगेमनन के दाल में चाहे कितनी दो कम सचाई क्यों न हो परंतु माइसनी और अगलिस जि के और लोार स्थानों मे भअवइय बड़े बड़ राजा दो गये हैं क्येफ्कि उन के मददढों की सीतें अभी तक च्तमान दें । ये दीवारे पिछले |




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