इत्सिंग की भारत यात्रा | E-tisang Ki Bharat-yatra
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15.49 MB
कुल पष्ठ :
474
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(७ )
सम्भावना में सन्देद करने के लिए कोई कारण नही दीख पड़ता कि
पुर्व काल मे ब्राह्मणों को व्माला में लिखने का ज्ञान था श्रौर मैं
मेजर डीन की ऐसी किसी भी उपलब्धि को ( यदि वास्तव मे वे
भारतीय शिल्ला-लेख हैं ) दीरेटिक था नाममात्र फीनि-
शियन वर्शमाला के देशान्तरगमन के इतिहास मे एक महत्त्वपूर्ण वृद्धि
समभकर स्वागत करूंगा, परन्तु यद्द वात इस प्रतिज्ञा से स्वेधा
मिन्न है कि स्मरणाधेक या सादित्यिक प्रयोजनों के लिए, इंसा से
कोई ४०० वर्ष पूव, लेखन-कला ज्ञात थी, या श्वश्य ज्ञात दागी ।
मुझे श्रव तक चत्तगामसनि ( इं० पृ० प८- ७६ ) के समय के
पहले के ताड़ के पत्र या कागज़ पर लिखे हुए किसी ग्रन्थ, या
श्रशोक के समय के पृर्व के किसी ऐसे शिला-लेख का पता नद्दीं
जिसकी तिथि का निश्चय हो सके ।
यद्यपि चीनी यात्रियों के ग्रन्थ प्राचीन साहियय पर, प्रत्युत उस
पर भी जिसे मं सन ४०० तक पुनरुद्धार काल कहता हूँ, बहुत थोड़ा
प्रकाश डालते है, तथापि वे उन संस्कृत श्रन्धकारों की विधियों का
निश्चय करने में दमारे लिए भारी सद्दायक सिद्ध हुए हैं जिनको वे
या तो व्यक्तिगत रूप से जानते थ्रे या जिनका देद्दान्त हुए उनके
समय मे वदुत काल नहीं हुआ था। मैंने यद्दी वात झ्रकेडेमी,
लिखते है......... ए परी] 96 ५0 85506 परिधि; 0
वेर्लकहा8 एप कांड (0 औ 8008. 96०0 पड0.
पे दतिया ० 07 पट हक, फ. दी
पुनः श्न्यत्र लिखते है--.. ...800.. फिट
ते 8 100छ पा. पाता, पाप
809. एक 80 हाई 9१0. 96 6,
85 --वेदुब्यास |
User Reviews
No Reviews | Add Yours...