माँ और मुन्ना | Maa Or Munna

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Maa Or Munna by भरतराम - Bharatram

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(७) नव-विवाद्िता लड़की गोरी; उसका भत्तीजा रमेश; तीनों बाहर के बरामद मं उनके स्वागत के लिये खड़े थ्रे | शंकु८ध--धाइये डाक्टर साहव; दम लोग श्रापकी बाद ही जोदद रद दैं । डा८--्रजी ऐसी तकलीफ की बयां शावश्यकता थी | हम लोग 'नाक' मदाराज पर भरोसा करके श्ापका कमरा ढ़ दी लेते । भला. चाय मिठाई वाला कमरा कहीं छुपा थोड़ें रंड सकता है ? शक्त८--दमें डर था कि कईदीं शाप रसोई में ही न चले जाए । . पारों हँसते ९ श्याकर मेज़ के चारों तरफ़ बेंठ गये । शक्ु०--छापका कल का भापण वास्तव में 'ांखें खोलने बाला था । कोई नर-नारी प्रभावित हुए वग्रेर नहीं गया | गीरी-पर; माता जी; यह तो डाक्टर साहब ने बताया ही नहीं कि माँ कों क्या ९ जानना चाहिये ? यद्द तो सत्य है कि मादत्व का क; ख; ग; जाने बग्र कोई स्त्रीसफल माता नहीं चन सकती | किन्तु वद्द का; ख दे क्या १. . ' शक्क०--'बेटी; एक लेकचर में सारी बातें केसे बताई जा सकती दूं ? हम भारत-वासी मादत्व के विपय का मददत्व दी समझ जायें तो बढ़ी धात है | ( डाक्टर साददव से ) गीरी सत्य कददती है, डाक्टर साइव | '्व यद्द साठत्व की शोर कदम बढ़ा रही है । श्पराप दी बताइये कि इसकी क्या ९ डूयूटी लगाएं ? गीरी५ने लज्जावश सिर नीचे कर लिया । शेप सब ढं सने लगे | डाप-छव समझा कि गीरी क्यों माइत्व के क; ख की चिंता कर रददी है । '्च्छा ाज “क' का 'यारम्भ कर ही देते हैं। सब से पहले माता को जानना चाहिये कि सन्तुलित (ए08060:000) भोजन किस चिड़िया का नाम दै । गीरी कद्दां तक पढ़ी दो ?




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