विहार दर्पण | Bihar Darpan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
139.27 MB
कुल पष्ठ :
977
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)७ || भी है। यह संयुक्तप्रान्त से आती हुई बिहार प्रात के अन्दर सारन जिले की सीमा पर ६० मील तक बहतो है । छपरा शहर इसके पास ही है । इस प्रान्त में रही खनवाँ और दाह सुंडी इसकी सहायक नदियाँ हैं । यह गंगा में गिरती है । गराडकी या मही--घयह एक छोटी नदी है जो सारन जिले में बहती हुईं सोनपुर के पास गंगा में मिलती हे । धने गंग्री और खटसा इसकी सहायक धाराएँ हैं । बड़ी गराडक--गरडक प्रान्त की एक मुख्य नदी है। इसका पुराना नाम नारायणी शालिगामी और सदानीरा भी है । नेपाल में यह जिस स्थान से निकलती है उसको लोग सप्तगंडकी कहते हैं क्योंकि यहाँ सात घाराओं के मेल से गढक नदी बनी है । यह चम्पारण सारन औओर मुजफ्फरपुर जिले की सीमा पर बहती हुई १९२ मील की यात्रा तय कर सोनपुर के पास गंगा में मिलती है । यहाँ बी. एन. डब्ल्यू. रेलवे का इसपर २ १७६ फीट लम्बा पुल्न है । पंचनद सोनाह लालबेगी रोहुआ मनौर और भवसा इसकी सहायक नदियाँ हैं। छोटी या बूढ़ो नदी नेपाल की पहाड़ी से निकलकर चम्पारण मुजफ्फरपुर दरभंगा और मुंगेर जिला होती हुई गोगरी के पास गंगा में मिल गयी है । शुरू में यह नदी हरहा कहलाती है । कुछ लोग इसे सिकरान भी कहते हैं .। श्रनौती उरिया घोरम पंडईे जमबारी और बालान इसकी मुख्य सहायक नदियाँ हैं । बया--बया गरडक से निकलकर मुजफ्फरपुर छोर दरभंगा जिला होती हुई समस्तीपुर सबडिविजन के धनेशपुर गाँव में गंगा से मिलती है । बागमती--यह नदी नेपाल से निकलकर चम्पारंण
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sweetibju106
at 2019-04-20 02:05:24"English mai kab aayega "