प्राचीन भारतीय आर्य राज वंश | Prachin Bharatiya Arya Rajvansh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(जारी चिपय ण्र्घ $ भार्पों के सुल पुरुप--स्वायभ्रुव मनुवाल रे भू स्वायश्रुव मसनुकाल--जिनवा आविर्भाव भारत बाइमीर *”” श्र जम्बू (जम्मू) में हुआ । सर खण्ड दूसरा सतयुग-कुत्तयुग वर्तमान मानव सष्टि वा. प्रजा पतति-वदारसभ ४०९२ ई० पुर प्रजापति-परियय (पूर्वाद) प्रजापति मतु स्वायमुव कक रद प्रजापति प्रियन्त भ्ण्ण श्र प्रजापति लारनीरघ जम्यू दीप वे अघोइवर प्र ८ जंम्बू द्वीप भें भर वदवृक्ष भ्म | प्रजापति महाराज मासि तथा वदवृद चूम ६० प्रजापति ऋषपभदेव एव वधवक्ष _ नर ६००६१ प्रजापति मरत-जड भ रत-मनुर्रत «++ ध्शे भारतवर्ष नामवरण तथा सतुमंरत का वदावृद्त शहिक २ प्रजापत्ति सुमति बन ग प्रजापति इन्द्रद्य सन ब०+ ही प्रभापति परमेष्ठी-परमेष्ठिन (वेदर्पि ) - द््२ १० दसें प्रजापति से ३५ वें प्रजापतियों के नाग ०० द्् प्रियन्रत शाखावाल जी प्रधान घटनायें नि ४ सर्ड तीसस प्रजापति परिचय ( उत्तराद्ध ) हू ईरान-पश्चिया में भारतीय आयों वा म्वेध (दिन ई० पु० है प्रजापति चाक्षुपमनु (छठें मनु) सबक अत्यराति जानन्तपति किसी अभिमन्यु-मन्यु इरर जी ७ ण




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