प्राचीन भारतीय आर्य राज वंश | Prachin Bharatiya Arya Rajvansh
श्रेणी : भारत / India
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6.24 MB
कुल पष्ठ :
379
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ. लक्ष्मी नारायण - Dr. Lakshmi Narayan
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(जारी
चिपय ण्र्घ
$ भार्पों के सुल पुरुप--स्वायभ्रुव मनुवाल रे भू
स्वायश्रुव मसनुकाल--जिनवा आविर्भाव भारत बाइमीर *”” श्र
जम्बू (जम्मू) में हुआ । सर
खण्ड दूसरा
सतयुग-कुत्तयुग
वर्तमान मानव सष्टि वा. प्रजा पतति-वदारसभ ४०९२ ई० पुर
प्रजापति-परियय
(पूर्वाद)
प्रजापति मतु स्वायमुव कक रद
प्रजापति प्रियन्त भ्ण्ण श्र
प्रजापति लारनीरघ जम्यू दीप वे अघोइवर प्र ८
जंम्बू द्वीप भें भर
वदवृक्ष भ्म |
प्रजापति महाराज मासि तथा वदवृद चूम ६०
प्रजापति ऋषपभदेव एव वधवक्ष _ नर ६००६१
प्रजापति मरत-जड भ रत-मनुर्रत «++ ध्शे
भारतवर्ष नामवरण तथा सतुमंरत का वदावृद्त शहिक २
प्रजापत्ति सुमति बन ग
प्रजापति इन्द्रद्य सन ब०+ ही
प्रभापति परमेष्ठी-परमेष्ठिन (वेदर्पि ) - द््२
१० दसें प्रजापति से ३५ वें प्रजापतियों के नाग ०० द््
प्रियन्रत शाखावाल जी प्रधान घटनायें नि ४
सर्ड तीसस
प्रजापति परिचय ( उत्तराद्ध )
हू ईरान-पश्चिया में भारतीय आयों वा म्वेध
(दिन ई० पु० है
प्रजापति चाक्षुपमनु (छठें मनु) सबक
अत्यराति जानन्तपति किसी
अभिमन्यु-मन्यु इरर
जी
७
ण
User Reviews
No Reviews | Add Yours...