श्री राधा सप्तशती | Sri Radha Sptshti
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7.96 MB
कुल पष्ठ :
209
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पं० वागीश शास्त्री - Pandit Vaageesh Shaastri
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)द तुम हूँ सब सिलि करो श्रसंसा तब हों भरों गुसान । करों श्रनेक छा तेहि छिन हाँ रचों प्रपंच-बितान 0 स्पास सरल-चित ठगों दिवस निसि हों कि बिनिध विधान । घृूगू जीवन सेरो यह कलुचित घृग यह मिथ्या सान 11 इस प्रकार श्रीराघाजी श्रपनेंको सदा-सबंदा सर्वथा हीन-मलिन मानती हद अ्रपनेमें त्रुटि देखती हैं --परम सुन्दर युणसौन्दर्यनिधि क्यामसुन्दरकी प्रेयसी होनेंकी श्रयोग्यताका श्रनुभव करती है एवं पदपदपर तथा पल-पलसें प्रिपतमके प्रेमकी प्रशंसा तथा उनके भोलेपनपर दुख प्रकट करती हू । इयामयुन्दरके मथुरा पघार जानेपर वे एकबार कहती हैँ-- पड सद्गुणहीन रूप-सुषमासे रहित दोषकी में थीं खान । मोहविवता मोहनकों होता मुझमें सुन्दरताका भान ॥। न्यौदयावर रहते सुझपर स॒ंस्व स-मुद कर मुझको दान कहते थकते नहीं कभी-- प्राणेदर्वारि हुदयेश्वरि सतिसान ॥ प्रियतम छोड़ो इस ज्रमको तुम---बारबार में समझाती नहीं सामते उर सरते में कण्ठहार उनको पातों ॥। गुंण-सुन्दरतारहित ._ प्रेमघन-दीन . कला-चतुराई हींत । मुर्ा मुखरा सान-सद-भरी सिथ्या में सतिमंद सलीन ॥। रद ्र रद ्ट रहता श्रति संताप मुझे प्रियतसका देख बढ़ा ब्यामोह। देव सनाया करतों सें प्रभु हुरलें सत्वर उसका मोह ॥। श्रीराचाके गुण-सौन्दर्यसे नित्य मुग्ध प्रियतम र्यामसुन्दर यदि कभी प्रियतमा श्रीराघाके प्रेमकी तनिक भी प्रदयांसा करने लगते उनके प्रति अपनी प्रेम-कृ्तज्ञृताका एक शब्द भी उच्चारण कर बैठते श्रथवा उनके दिव्य प्रेमका पात्र बननेमें झपने सौभाग्य-सुखका तथिक-सा संकेत भी कर जाते तो श्रीराधाजी श्रत्यन्त संकोचमें पडकर सज्जाके मारे गड़-सी जातीं। एकबार उन्होंने क्यामसुन्दरसे रोते- रोहे कंहा-- तुमसे सदा लिया ही मेंने लेती लेती थकी नहीं 1 झभित अेम-सौभाग्य मिला पर में कुछ थी दे सकी नहीं ॥। मेरी त्रुटि मेरे दोषोंको तुमने देखा नहीं कभी । दिया सदा देते न थके तुम. दे डाला निज प्यार सभी ॥।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...