इस्लामी त्यौहार और उत्सव | Islami Tyohar Aur Utsav

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Islami Tyohar Aur Utsav by महेश प्रसाद - Mahesh prasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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_ मोहरम ७. उक्त बात के सिचाय यद्द भी जान लेना चादिए कि झरव में नजुर विन कनान नामी व्यक्ति को छुरेश की उपाधि दी गई थी । फिर उसी के पोत्र कदर की सन्तान कुरैश कद्दी जाने लगी और शने शने .वाद को कुरेश घराने फी बहुत सी शाखाएँ हो गई । उन्दीं में से जिन शाखाश्यों के उल्लेख की यहाँ झावश्यकता है. एक धनी . हाशिम और दूसरी धनी उमेय्या है। झतः प्टेली शाखा के दजरत मुहम्मद सादव धजरत ली सादब शरीर हजुरत इमाम हुसैन हैं। और हजरत माविया था यजीद जो दजुरत झल्ली साइब तथा इमास हुसैन साइब के विरोधी थे-- वनी चमेय्यां नासक दूसरी शाखा के थे । निदान यद्द कि दजुरत इमाम दसन साहब के विरोधी भी कुरैशी दी थे जो कि अरब में सर्वश्रेष्ठ और बढ़े प्रतिष्ठित तथा कुललीन माने जाते हैं । ..... एक इतिदासकार लिखता दे--कई अवसर ऐसे पढ़े थे जिन पर बनी उमेया की शाखा के लोगों को वनी. दाशिम के मुकाबिले में नीचा दोना पढ़ा था । इन कास्णों से बनी उमय्या के लोग बनी द्वाशिमवालों के कट्टर शघु व. १ पशिम श्र उमैया सगे चचा भतीजे थे । इन दोनों व्यक्तियों के नाम से बनी या बन दाशिम तथा वनी या न उमैयए नामक दो प्रतिष्ठित कुल मशहूर छुये । चभ




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