हिंदी विश्व कोष Bhag 1 | Hindi Vishva Kosh Part-1
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
190.29 MB
कुल पष्ठ :
775
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about नगेन्द्रनाथ बसु - Nagendranath Basu
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१४ बच पेर इधर-उधर चलाता त्थॉडी कांटा चुभने | अँधेरखाता हिं पु लगता है । अंदेशा फा० पु १ चिन्ता फिक्रा। २ संशय शक । २ मय खौफ । ४ दानि जुकुसान। ५ असुविधा । पशोपिश । अंदर हि पु० कोलाहल शोरगु ल। फा पु० १ शोक रस्त्र । २ सन्द ह खटका अंद्रससत्र हिं० पु इन्ट्रशस्त्र वच्च । अंधखोपड़ा हिं० पु० . सूखे नादान समभक न पड़े। स्त्री अंधखोपड़ो ।. अंधड़ हिं ० पु० आंधी तूफ1न जिस हृवासे घुलि उड़े । अंधधघंघ हिं० पु० १ अन्धकार तारोको । २ अन- रोति जुल्म । अंधवाई ह्रिं० स्वो० अ घड़ देखो । धरा हिं० वि० अन्ध ने त्रहोन चन्लुह्दोन नाबौना । अँधरो हिं्स्ती १ अधो जिस औरतकों देख नपड़े। २ पहियोंकी गोलाई पूरो करने वालो धनुषाकार चल। यह दूसरों पुड्ठोके भीतर ऐसो घुसी रहतो है कि दिखाई नहीं देतो । अंधा हिं० अख देखो । अधाधुध हिं० पु १ घोर अन्धकार गहरी तारोको । २ अविचार खुयालको खराबी । वि० ३ विशज्नल बैठिकाना । क्रि वि० ४ निद्ायत अतिशय । बँघार हिं०् पु १ अन्धकार तारोको । २ रस्सोके जिस जालमें घास वगरह भरकर बलपर लाूें । अँधारो हिं० स्त्रो। अपड़ देखो । अंधियार हिं० पु अन्धकार तारोकी। वि २ तमसाच्छन्र रोशनोसे खुलो । अँधियारा अधियार देखो । अँधियारो कोठरो हिं० स्तरो० १ अँधेरा छोटा कमरा २ उदर पेट। ₹ कहारोंको कोई बोलो । पालकोके आगेवाला कहार जब पानो या गड़ढा देखता तब पोछिवाले कदह्ारकों अँधघियारो कोठरों . कई कर सावधान करता है। अंधेर हिं० पु १ अन्थाय अविचार अत्याचार | रे बदइन्तिजारो । जिसे अदेशा-अबार १ व्यवद्दारकां गड़बड़ । २ कुप्रबन्ध । अंपेरना हिं० कि अँधघेर उठाना गड़बड़ सचाना अधेरा करना । अँधेरा हिं० पु अन्धकार तारीको । अँधेदिया हिं० स्तो १ शअ्रन्धकार। २ कालो रात। ३ घोड़े या बेलको आंख पर डालनेका पड़ा । अँघेरी हिं०स्त्रो। भ्रन्धकार तारोको । अँधोटो हिं० स्त्री ? बेल या घोड़े को आंख पर बांधने को पट्टो । अँध्यार छिं० अखकार देखो | अध्यारो अबरबारी हिं० स्त्री कोई भाड़ । यक्त ह्रिमालय भर नोलगिरिपर उत्पन्न छोतो है । इसकी जड़से जो बढ़िया और पौला रह निकालें उसे कभो-कभी चमड़ेपर भो चढ़ायेंगे। वोजका तेल खींचते हैं। इसकौ लकड़ी दारुइलदी भर भ्रीषधमें डालो जाती है। जड़ और लकड़ोके अक को रसौत कहेंगे । ब्रा बरबेल हिं० स्त्री असरवेलि इफ्तोस्यूनू पबेर । यह घाग-जेसी पीलो-पीलो आऔर पेड़से लपटो रहती है। इसमें जड़ या पत्तों किसोका नाम भी पाते। इसके फेलनेसे पेड़ सूख जाधेगा । यद बाल बढ़ानेको दवामें पड़ती है। अकोम इसे वायु- रोगपर भो व्यवहार करेंगे । अंबरसारो छि० स्त्री एक प्रकारका कर । यह घर पर लगायो जातो थो । अँवराई ह्िं० सो जिस जगह शमके पेड़ बचुत हों आसका बाग नौरंगा । अँबराव छिं० पु० आमका बामु । अंबरोसक हिं० पु भाड़ भरसाये । अँबलो छिं० पु गुजरातके ठोलेरा नामक स्थानमें उत्पन्न दोनेवाला कपास 1 अं बाड़ा आमड़ा देखो । अंबापोलो हिं० स्त्रो अमावट असरस । अधियारो देखो । आसराजी देखी 1 । अंबार फ़ा पु० ढेर सम्ूद राशि ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...