हिंदी विश्व कोष Bhag 1 | Hindi Vishva Kosh Part-1

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Hindi Vishva Kosh Part-1 by नगेन्द्र नाथ वाशु - Nagendra Nath Vashu

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१४ बच पेर इधर-उधर चलाता त्थॉडी कांटा चुभने | अँधेरखाता हिं पु लगता है । अंदेशा फा० पु १ चिन्ता फिक्रा। २ संशय शक । २ मय खौफ । ४ दानि जुकुसान। ५ असुविधा । पशोपिश । अंदर हि पु० कोलाहल शोरगु ल। फा पु० १ शोक रस्त्र । २ सन्द ह खटका अंद्रससत्र हिं० पु इन्ट्रशस्त्र वच्च । अंधखोपड़ा हिं० पु० . सूखे नादान समभक न पड़े। स्त्री अंधखोपड़ो ।. अंधड़ हिं ० पु० आंधी तूफ1न जिस हृवासे घुलि उड़े । अंधधघंघ हिं० पु० १ अन्धकार तारोको । २ अन- रोति जुल्म । अंधवाई ह्रिं० स्वो० अ घड़ देखो । धरा हिं० वि० अन्ध ने त्रहोन चन्लुह्दोन नाबौना । अँधरो हिं्स्ती १ अधो जिस औरतकों देख नपड़े। २ पहियोंकी गोलाई पूरो करने वालो धनुषाकार चल। यह दूसरों पुड्ठोके भीतर ऐसो घुसी रहतो है कि दिखाई नहीं देतो । अंधा हिं० अख देखो । अधाधुध हिं० पु १ घोर अन्धकार गहरी तारोको । २ अविचार खुयालको खराबी । वि० ३ विशज्नल बैठिकाना । क्रि वि० ४ निद्ायत अतिशय । बँघार हिं०् पु १ अन्धकार तारोको । २ रस्सोके जिस जालमें घास वगरह भरकर बलपर लाूें । अँधारो हिं० स्त्रो। अपड़ देखो । अंधियार हिं० पु अन्धकार तारोकी। वि २ तमसाच्छन्र रोशनोसे खुलो । अँधियारा अधियार देखो । अँधियारो कोठरो हिं० स्तरो० १ अँधेरा छोटा कमरा २ उदर पेट। ₹ कहारोंको कोई बोलो । पालकोके आगेवाला कहार जब पानो या गड़ढा देखता तब पोछिवाले कदह्ारकों अँधघियारो कोठरों . कई कर सावधान करता है। अंधेर हिं० पु १ अन्थाय अविचार अत्याचार | रे बदइन्तिजारो । जिसे अदेशा-अबार १ व्यवद्दारकां गड़बड़ । २ कुप्रबन्ध । अंपेरना हिं० कि अँधघेर उठाना गड़बड़ सचाना अधेरा करना । अँधेरा हिं० पु अन्धकार तारीको । अँधेदिया हिं० स्तो १ शअ्रन्धकार। २ कालो रात। ३ घोड़े या बेलको आंख पर डालनेका पड़ा । अँघेरी हिं०स्त्रो। भ्रन्धकार तारोको । अँधोटो हिं० स्त्री ? बेल या घोड़े को आंख पर बांधने को पट्टो । अँध्यार छिं० अखकार देखो | अध्यारो अबरबारी हिं० स्त्री कोई भाड़ । यक्त ह्रिमालय भर नोलगिरिपर उत्पन्न छोतो है । इसकी जड़से जो बढ़िया और पौला रह निकालें उसे कभो-कभी चमड़ेपर भो चढ़ायेंगे। वोजका तेल खींचते हैं। इसकौ लकड़ी दारुइलदी भर भ्रीषधमें डालो जाती है। जड़ और लकड़ोके अक को रसौत कहेंगे । ब्रा बरबेल हिं० स्त्री असरवेलि इफ्तोस्यूनू पबेर । यह घाग-जेसी पीलो-पीलो आऔर पेड़से लपटो रहती है। इसमें जड़ या पत्तों किसोका नाम भी पाते। इसके फेलनेसे पेड़ सूख जाधेगा । यद बाल बढ़ानेको दवामें पड़ती है। अकोम इसे वायु- रोगपर भो व्यवहार करेंगे । अंबरसारो छि० स्त्री एक प्रकारका कर । यह घर पर लगायो जातो थो । अँवराई ह्िं० सो जिस जगह शमके पेड़ बचुत हों आसका बाग नौरंगा । अँबराव छिं० पु० आमका बामु । अंबरोसक हिं० पु भाड़ भरसाये । अँबलो छिं० पु गुजरातके ठोलेरा नामक स्थानमें उत्पन्न दोनेवाला कपास 1 अं बाड़ा आमड़ा देखो । अंबापोलो हिं० स्त्रो अमावट असरस । अधियारो देखो । आसराजी देखी 1 । अंबार फ़ा पु० ढेर सम्ूद राशि ।




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